मूवी रिव्यू : इस घटना पर आधारित है ‘टाइगर जिंदा है’ की कहानी

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बॉलीवुड स्टार सलमान खान एक बार फिर अपने फैन्स के लिए टाइगर बनकर वापस आए हैं। ये एक्शन पैक फिल्म पिछली हिट फिल्म एक था टाइगर की अगली कड़ी है। इसमें टाइगर के साथ हैं उनकी जोया (कैटरीना कैफ)। टाइगर पिछली फिल्म की तरह ही इसमें भी रॉ एजेंट बने हैं जबकि जोया पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की एजेंट हैं। टाइगर जिंदा है भी पड़ोसी देश के साथ अच्छे रिश्ते को बनाने की ओर एक कदम बढ़ाता दिखता है।

रिव्यू के मुताबिक कह सकते हैं कि ये फिल्म पाकिस्तान के साथ दोस्ताना संबंधों को बढ़ावा देगी। इसके साथ ये भी कह सकते हैं कि सिर्फ बॉलीवुड ही है जो इस तरह दो देशों के बीच शांति और अमन लाने की कोशिश कर सकता है। फिल्म अली अब्बास जफर के निर्देशन में बनाई गई है। और इसे देख ऐसा लगता है जैसे कहा गया हो चलो बच्चों तुम्हारे लिए एक स्पाई (जासूस) की कहानी बनाता हूं।

सही मायने में ये एक ऐसी एक्शन पैक फिल्म है जिसमें गाड़ियों को धुएं में उड़ता हुआ देखने के बाद रोहित शेट्टी को थोड़ा कॉम्प्लैक्स महसूस हो सकता है। इसके सारे एक्शन बहेतरीन तरीके से कोरियोग्राफ किए गए हैं।फिल्म की शूटिंग की लोकेशन शानदार है। उस पर एक ऐसी सिचुएशन जहां आतंकियों के चुंगल में नर्स फंसी है और उन्हें छुड़ाने के लिए जोया और टाइगर एक साथ आते हैं। ये एक असली घटना थी जो साल 2014 में हुई थी, जिसमें कुछ पाकिस्तान और हिंदुस्तान की नर्स को बंधक बना लिया गया था।

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फिल्म में उस समय से खतरे और घटना की जानकारी कुछ ज्यादा ही विस्तृत रूप में दी गई है जिससे कभी-कभी ऑडियंस परेशान भी दिखी।फिल्म में आप मौसुल, तिरकित, इराक, आएसआई, रॉ, सीआईए जैसे शब्दों को सिर्फ सुनते हैं। जिससे सलमान खान और उनके दोस्तों के लिए एक सिचुएशन बनाई जा सके और नर्सों को खोजकर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। कई मौकों पर फिल्म साल 2016 की मलयालम फिल्म टेक ऑफ का बेहतरीन रि-क्रिएशन दिखती है। जिसमें मौत के समय भी नर्सों के चेहरे पर बहादुरी दिखाई देती है। फिल्म में सलमान कहीं कहीं ही कैटरीना के साथ स्क्रीन शेयर करते नजर आए हैं।

कैटरीना ने इस फिल्म में धमाकेदार एक्शन सीन किया है और ये सभी सीक्वेंस उन्होंने खुद ही किए हैं। फिल्म में घनी दाढ़ी के साथ खतरनाक नजर आने वाले आतंकी अबु उस्मान (डेलफ्रोज) कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं। वह सिर्फ गोली चलाने और मारने का ऑर्डर देते हैं।फिल्म में एक मौका ऐसा भी आता है जब पूरी ऑडिंयस काफी उत्साहित हो जाती है। इस सीन में भाई नर्स को बचाने की कोशिश करते हैं। इसमें उनका पूरा साथ नर्स और जोया भी देती है। समय समय पर ये सीन काफी एक्साइटिंग हो जाता है लेकिन थोड़ी ही देर में सब फिर पहले जैसा ही हो जाता है। इसके बाद आप सोचने लगते हैं कि काश जोया ने और फाइट की होती। उसने और भी एक्शन किया होता तो अच्छा होता।

फिल्म में सलमान को हमेशा की तरह से शर्ट उतारने का मौका मिला है। और जैसे ही उनका शर्टलैस मूमेंट आता है वैसे ही ऑडियंस जोर-जोर से चिल्लाने लगती है। इस फिल्म में आपको कई जानवर भी नजर आएंगे, जिनके साथ शूट करने के दौरान पूरी सावधानी बरती गई हैं। किसी भी जानवर को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया है।निर्देशक अली अब्बास जफर इसे पिछली फिल्म एक था टाइगर से बेहतर नहीं बना सके हैं। इस फिल्म में राइटर ने अबु उस्मान के बैकग्राउंड या पिछली कहानी को बताने में काफी अनुमान लगाने की कोशिश की है। फिल्म में कुछ विलेन तो डराने के बदले हंसाते हैं। फिल्म की धीमी रफ्तार आपको काफी बोर करती है। फिल्म यूं तो टाइगर के इर्द-गिर्द ही रहती है लेकिन कैटरीना ने अपने दमदार एक्शन सीन से सभी की तारीफ लूट ली। ये फिल्म एक्शन के लिहाज से अच्छी है लेकिन फिर भी लगता है कि कुछ मिसिंग है।

फर्स्ट पोस्ट के फिल्म क्रिटिक अन्ना एमएम वेटिकद (2.5 स्टार) के मुताबिक भी फिल्म टाइगर (सलमान) के इर्द-गिर्द ही घूमती है लेकिन कैटरीना ने अपने दमदार एक्शन से सबको दंग कर दिया है। इस फिल्म में कैटरीना को देखने के बाद लगेगा कि अभी तक उन्हें किसी निर्देशक ने एक्शन से भरपूर किरदार क्यों नहीं दिया था। फिल्म में नर्स की किडनैपिंग का हिस्सा काफी सीरियस सा लगता है। फिल्म के एक्शन सीन की कोरियोग्राफी और कैमरा वर्क ने सलमान के सीन को बहेतर बना दिया है। वरना वह इसमें कुछ थके से लग रहे हैं। इसमें कुछ सीन फालतू में डाले हुए से भी लगते हैं।

साभार- जनसत्ता

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