'पद्मावती' पर भाजपा सांसद ने दिया आपत्तिजनक बयान

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संजय लीला भंसाली की आगामी फिल्म पद्मावती पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कल केन्द्रीय मंत्री गिरिराज के बाद एक भाजपा नेता ने फेसबुक पर आपत्तिजनक बयान दिया है। भाजपा नेता चिंतामणि मालवीय ने कहा कहा कि फिल्मकारों की महिलाएं जौहर प्रथा क्या जाने, जो रोज अपने शौहर बदलती है।
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उज्जैन से सांसद प्रो. चिन्तामणि मालवीय ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि भंसाली जैसे लोगों को सिर्फ जूतों की भाषा ही समझ आती है। उन्होंने यह भी लिखा कि जिन फिल्मकारों की स्त्रियां रोज अपने शौहर बदलती हैं वो क्या जानें जौहर क्या होता है? बता दें कि मालवीय से पहले बीजेपी नेता गिरिराज किशोर, उमा भारती और गुजरात बीजेपी ने भी इस फिल्म को लेकर आपत्ति जता चुके हैं। उमा भारती ने पिछले दिनों एक खुला लेटर लिखा था।
भावनाएं आहत होंगी तो लोग विरोध करेंगे ही
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि अगर भावनाएं आहत होंगी तो लोग विरोध करेंगे ही। यह फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज हो सकती है।सांसद चिन्तामणि मालवीय ने फेसबुक पोस्ट में क्या लिखा? “मैं फिल्म पद्मावती का विरोध और बहिष्कार करता हूं। मेरे शुभ चिंतकों से अनुरोध करता हूं कि वे इस फिल्म को बिल्कुल न देखें।
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फिल्म बनाकर चंद पैसों के लालच में इतिहास से छेड़छाड़ करना शर्मनाक और घृणित कार्य है। हर भारतीय नारी की आदर्श रानी पद्मावती जी पर भारतीयों को गर्व है। उन्होंने अपने सतित्व और देश और समाज की आन, बान, शान के लिए हजारों नारियों के साथ स्वयं को आग में झोंक दिया था। उसे तोड़-मरोड़कर दिखाना वास्तव में इस देश का अपमान है।
यह देश पद्मावती का अपमान नहीं सहेगा
भंसाली जैसे लोगों को कोई और भाषा समझ में नहीं आती। इन लोगों को सिर्फ जूते की भाषा समझ आती है। चिन्तामणि ने आगे लिखा, “यह देश पद्मावती का अपमान नहीं सहेगा। हम गौरवशाली इतिहास के साथ छेड़खानी बर्दास्त नहीं कर सकते हैं। अलाउुद्दीन खिलजी के दरबारी कवियों द्वारा लिखे गए गलत इतिहास पर संजय लीला भंसाली ने पद्मावती फिल्म बना दी।
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मानसिक विकृति सहन नहीं की जाएगी
यह गलत ही नहीं निंदनीय भी है। जिन फिल्मकारों के घरों की स्त्रियां रोज अपने शौहर बदलती हैं, वे क्या जानें जौहर क्या होता है। अभिव्यक्ति के नाम पर मानसिक विकृति सहन नहीं की जाएगी।” सांसद मालवीय से जब ये पूछा गया कि आपने फिल्म नहीं देखी तो कैसे पता चला यह गलत इतिहास पर बनाई है, उन्होंने कहा कि मैंने फिल्म का ट्रेलर देखा है और इसकी कहानी भी पता है।
कई जगह प्रदर्शन किया था और पुतले फूंके थे
राजपूत करणी सेना इसका विरोध कर रही है। इसकी शुरुआत राजस्थान में शूटिंग के वक्त हुई थी। सेना का मानना है कि ​इस फिल्म में पद्मिनी और खिलजी के बीच इंटीमेट सीन फिल्माए जाने से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचेगी, जिसके चलते काफी समय से इसका विरोध हो रहा है। शूटिंग के वक्त राजपूत करणी सेना ने कई जगह प्रदर्शन किया था और पुतले फूंके थे।
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