बीजेपी के खिलाफ रैली में लालू की राजनीतिक साख दांव पर

0

बिहार की सत्ता से हाल में ही दूर हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की 27 अगस्त को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होने वाली ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ रैली को न केवल राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है बल्कि इस रैली को उनकी राजनीतिक साख और राजनीतिक पूंजी से जोड़कर भी देखा जा रहा है।

दलों की एकता की मुहिम को झटका

रैली के पूर्व ही भाजपा के विरोधी दलों के कई महत्वपूर्ण नेताओं के इसमें नहीं आने के ऐलान से विरोधी दलों की एकता की मुहिम को झटका लगा है।महागठबंधन तोड़कर नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जा मिलने के बाद पटना में होने वाली राजद की इस रैली में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मायावती के नहीं आने से रैली का राजनीतिक रंग फीका होना तय माना जा रहा है। कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और बिहार प्रभारी सी़ पी़ जोशी रैली में शरीक होंगे।

read more : पल्लेकेले वनडे : भुवनेश्वर-धोनी ने दिलाई भारत को जीत

विचार के दलों को आमंत्रित किया गया

राजद के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने मीडिया से कहा कि यह अभूतपूर्व रैली होगी। उन्होंने कहा कि यह रैली राजद की रैली है, जिसमें एक विचार के दलों को आमंत्रित किया गया है। इन दलों में कई बड़े नेता हैं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी बड़े नेता हैं, वे लोग अपना प्रतिनिधि भेज रहे हैं। सिंह ने दावा कि यह विशाल रैली होगी, अगर सभी नेता पहुंच गए, तब क्या होगा?

read more :  मुठभेड़ में शहीद ‘दारोगा’ को मिलेगा वीरता ‘पुरस्कार’

2019 के लोकसभा चुनाव की स्क्रिप्ट लिखी जानी है

बिहार के 38 में 19 जिलों के बाढ़ प्रभावित होने से भी रैली में भीड़ जुटने पर सवालिया निशान लगा है। लेकिन, राजद के कार्यकर्ता इस रैली को लेकर काफी उत्साहित हैं। पूर्व उप मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी कई क्षेत्रों में जाकर लोगों को इस रैली में आने का आमंत्रण दिया है। राजद के प्रवक्ता मनोज झा ने मीडिया से कहा कि इस रैली की सफलता को लेकर कोई शंका नहीं होनी चाहिए। इस रैली में ही संभावित 2019 के लोकसभा चुनाव की स्क्रिप्ट लिखी जानी है।

बाढ़ के बावजूद अगर राजद भीड़ जुटा लेती है

जानकार कहते हैं कि इस रैली में प्रमुख भाजपा विरोधी नेताओं की अनुपस्थिति और बाढ़ के बावजूद अगर राजद भीड़ जुटा लेती है, तब इस रैली को सफल माना जाएगा। बिहार की राजनीति पर नजदीक से नजर रखने वाले पटना के पत्रकार कहते हैं, “लालू जब-जब मुसीबत में फंसे हैं तब-तब उन्होंने रैली का आयोजन कर सामाजिक न्यास, धर्मनिपेक्षता जैसे मुद्दों को हवा दी है। यह उनका अपना स्टाइल है। एक बार फिर वे भ्रष्टाचार के मामले में घिरे हैं और रैली का आयोजन कर रहे हैं।”

read more :  मूल निवासियों को ही मिलेगी मेडिकल कॉलेज में ‘एन्ट्री’

सिंह मानते हैं कि यह रैली भी लालू को राजनीतिक संजीवनी देगी। उनका कहना है कि लालू इस रैली के माध्यम से राजनीतिक दलों को भी यह संदेश देने की कोशिश करेंगे कि उनका जनाधार अभी भी कायम है। ऐसे में लालू की राजनीतिक साख इस रैली से जुड़ी है।

जद (यू) इस रैली को लेकर राजद पर निशाना साध रहा है

रैली में भाजपा विरोधी दलों के नेताओं के मुख्य चेहरों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जद (यू) से बागी हुए शरद यादव और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का भाग लेना तय माना जा रहा है।जद (यू) इस रैली को लेकर राजद पर निशाना साध रहा है। जद (यू) के प्रवक्ता संजय सिंह कहते हैं कि यह रैली भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे लालू परिवार के सदस्यों के चेहरों को साफ दिखाने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि यह रैली लालू अपने दोनों बेटों को राजनीति में स्थापित करने के लिए बुला रहे हैं।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More