भारत रत्न लता मंगेशकर की पुण्यतिथि आज, जानिए स्वर कोकिला के बारे में
आज स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी की पहली पुण्यतिथि है। ठीक एक साल पहले आज ही के दिन उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था। आपको बता दें कि भारत रत्न लताजी कोरोना से पीड़ित थी तब उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहां उन्होंने 29 दिन तक जिंदगी के लिए लड़ाई लड़ी और फिर 92 साल की उम्र में हमेशा के लिए आकाश में दिव्यमान हो गई।
गाए थे 50 हजार से भी अधिक गाने, पाया भारत रत्न, पद्म भूषण जैसा सम्मान…
भारतीय फिल्म और संगीत जगत में लता मंगेशकर जी के अतुलनीय योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। उनका जन्म 29 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। शुरुआत से ही विलक्षण प्रतिभा की धनी लताजी ने 5 वर्ष की अल्पायु में मंच पर गाना शुरू कर दिया था। जिस मासूम सी उम्र में बच्चे खेलते कूदते हैं उसी उम्र में लता जी ने घर की जिम्मेदारियां संभाल ली थी। अपने पूरे करियर में लता जी ने अलग अलग भाषाओं की फिल्मों के करीब 30 हजार से भी अधिक गानों में अपनी मधुर आवाज़ दी थी। वह कई बार की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता थी और उन्हें बहुत सारे सम्मानित पुरस्कारों से भी नवाजा गया था। जिसमे 1969 का पद्म भूषण, 1970 में मिला राजीव गांधी पुरस्कार, 1989 में पद्म विभूषण, 1996 का राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार और 2001 में मिला भारत रत्न सहित 2009 का एएनआर पुरस्कार शामिल है। जानकारी हेतु बता दें कि 2001 में महाराष्ट्र रत्न पुरस्कार अर्जित करने वाली लताजी पहली प्राप्तकर्ता थी। 2007 में फ्रांस सरकार ने लता मंगेशकर को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान (ऑफिसर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर) से सम्मानित किया था।
कुल 36 अलग अलग भाषाओं में लगाया था सुर…
लता मंगेशकर ने सिर्फ हिंदी या उर्दू भाषा के गानों में ही राज नही किया बल्कि 36 अलग – अलग भारतीय भाषाओं में अपनी मधुर आवाज़ से करोड़ो लोगो का मन मोह लिया था। उनकी गायकी में मराठी, तमिल, तेलगु भोजपुरी, कन्नड़ और बंगाली जैसी कई भाषाओं का मेल देखने को मिलता है। साथ ही साथ उन्होंने हमेशा से ही यह प्रयास किया कि उनके गानों से धार्मिक और सामाजिक सौहार्द फैले। उनके द्वारा गाए हुए “ऐ मेरे वतन के लोगो” और “हिंदुस्तान हमारा” जैसे सदाबहार गीतों में इसका सबसे बड़ा उदाहरण देखने को मिलता है।
लता जी के बारे में अन्य रोचक तथ्य…
1. लता मंगेशकर का जन्म के वक्त नाम ‘हेमा’ रखा गया था, लेकिन कुछ साल बाद अपने थिएटर के एक पात्र ‘लतिका’ के नाम पर, दीनानाथ जी ने उनका नाम ‘लता’ रखा।
2. पांच साल की उम्र में ही लता जी ने अपने पिता से संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी और थिएटर में एक्टिंग किया करती थी।
3. “गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड” में 1974 से 1991 तक लता मंगेशकर का नाम दुनिया की सबसे ज्यादा गाना गाने वालीं सिंगर के तौर पर दर्ज है।
4. लता जी के लिए गाना पूजा के समान था। इसलिए वे रिकार्डिंग के समय या रियाज के समय कभी भी चप्पल नहीं पहनती थी।
5. पुरुष गायको में मोहम्मद रखी के साथ लता जी ने सर्वाधिक 440 गीत गाए। युगल गीतों पर रॉयल्टी के भुगतान के मुद्दे पर लता मंगेशकर और रफी के बीच मतभेद हो गए थे। जिसके बाद इन दोनों गायकों ने करीब तीन वर्ष तक साथ गाना नहीं गाया था।
6. शुरुआती सफर में पतली आवाज होने की वजह से लता जी को आलोचना का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 1948 में आई फिल्म ‘मजबूर’ के गाने ‘दिल मेरा तोड़ा’ से उन्हें पहचान मिली।
रिपोर्ट :- विकास चौबे
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