हैप्पी बर्थडे नेता जी : फर्श से अर्श तक का सफर…

0

समाजवादी पार्टी आज बेशक आंतरिक कलह से जूझ रही है लेकिन एक दौर में राजनीति में मुलायम सिंह का सिक्का पुजता था। वो किंग से लेकर किंग मेकर तक की भूमिका अदा कर चुके हैं। आज की राजनीति में ज़मीनी स्तर का उनसे बड़ा समाजवादी नेता कोई नहीं है।
also read :  पीएम को ‘तू चाय बेच’ ट्वीट से सवालों के घेरे में कांग्रेस
76 साल पहले आज ही के दिन साल 1939 में उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में मुलायम सिंह यादव का जन्म हुआ था। उनका परिवार पहले बेशक राजनीति राजनीति से न जु़ड़ा हो। लेकिन आज उनके परिवार के कण-कण में राजनीति बसती है।
मुलायम जहां खड़े हैं बेशक वो पायदान राजनीति में काफी ऊंचा है
देश में उनके परिवार से बड़ा राजनीतिक परिवार शायद ही हो। भाई, भतीजा, बेटा और बहु हर कोई ब्लॉक और पंचायत स्तर से लेकर संसद तक प्रतिनिधित्व कर रहा है। आज मुलायम जहां खड़े हैं बेशक वो पायदान राजनीति में काफी ऊंचा है लेकिन उनकी उड़ान ज़मीन से शुरू हुई थी। जो काफी विस्तारित दिखाई देती है। नज़र डालिए उनके निजी से राजनीति जीवन पर एक नज़र।
also read : फारूक अब्दुल्ला की जीभ काटकर लाओ और ईनाम पाओ…
22 नवंबर 1939 को मुलायम सिंह एक साधारण परिवार में जन्मे। उन्होंने अपने शैक्षणिक जीवन में B.A, B.T और राजनीति शास्त्र में M.A की डिग्री हासिल की। उनकी पूरी पढ़ाई केके कॉलेज इटावा, एक.के कॉलेज शिकोहाबाद और बीआर कॉलेज आगरा यूनिवर्सिटी से पूरी हुई।
प्रेरित करने वाली शख्सियत का नाम राम मनोहर लोहिया था
मालती देवी से शादी के बाद साल 1973 में मुलायम सिंह के घर उनके इकलौते बेटे अखिलेश यादव ने जन्म लिया। लेकिन तब तक वो राजनीति की दुनिया में अपने कदम जोरदार तरीके से जमा चुके थे। राजनीति में कूदने के लिए उन्हें प्रेरित करने वाली शख्सियत का नाम राम मनोहर लोहिया था।
साल दर साल राजनीतिक सफ़र
1960: मुलायम सिंह राजनीति में उतरे
1967: पहली बार विधानसभा चुनाव जीते, MLA बने
1974: प्रतिनिहित विधायक समिति के सदस्य बने
1975: इमरजेंसी में जेल जाने वाले विपक्षी नेताओं में शामिल
1977: उत्तर प्रदेश में पहली बार मंत्री बने, कॉ-ऑपरेटिव और पशुपालन विभाग संभाला
1980: उत्तर प्रदेश में लोकदल का अध्यक्ष पद संभाला
1985-87: उत्तर प्रदेश में जनता दल का अध्यक्ष पद संभाला
1989: पहली बार UP के मुख्यमंत्री बनकर कमान संभाली
1992: समाजवादी पार्टी की स्थापना कर, विपक्ष के नेता बने
1993-95: दूसरी बार यूपी के मुख्यमंत्री पद पर काबिज़ रहे
1996: मैनपुरी से 11वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए. केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री का पद संभाला
1998-99: 12वीं और 13वीं लोकसभा के लिए फिर सांसद चुने गए
1999-2000: पेट्रोलियम और नेचुरल गैस कमेटी के चेयरमैन का पद संभाला
2003-07: तीसरी बार यूपी का मुख्यमंत्री पद संभाला
2004: चौथी बार 14वीं लोकसभा में सांसद चुनकर गए
2007: यूपी में बसपा से करारी हार का सामना करना पड़ा
2009: 15वीं लोकसभा के लिए पांचवीं चुने
2009: स्टैंडिंग कमेटी ऑन एनर्जी के चेयरमैन बने
2014: उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ से सांसद बने
2014: स्टैंडिंग कमेटी ऑन लेबर के सदस्य बने
2015: जनरल पर्पस कमेटी के सदस्य बने
(साभार – न्यूज 18)
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More