BCAS: खराब मौसम और तकनीकी कारणों से अन्य किसी वजह से फ्लाइट टेकऑफ न हो पाने की स्थिति में घंटों उसी हवाईजहाज में यात्रियों को अब नहीं बैठना पड़ेगा. अब ऐसी स्थिति में यात्री सीधे डिपार्चर टर्मिनल पर आ सकेंगे .
BCAS ने जारी किए दिशा-निर्देश
इसको लेकर ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्युरिटी (BCAS)ने देश की तमाम एयरपोर्ट और एयरलाइंस को नए दिशा – निर्देश जारी कर दिए है. बीसीएएस के 38वें स्थापना दिवस पर डिजी जुल्फिकार हसन ने बताया है कि, टेकऑफ करने के लिए तैयार किसी फ्लाइट को खराब मौसम तकनीकी कारणया किसी बीमार यात्री की वजह से लेट होने की बाद जब यात्रियों को हवाईजहाज से उतारा जाता था तो, उन्हें फिर से एयरपोर्ट के अराइवल टर्मिनल पर ले जाया जाता था. वहां से फिर डिपार्चर गेट तक लाया जाता था. इस प्रक्रिया में यात्रियों का एक से डेढ़ घंटा बर्बाद हो जाता था. अब यात्रियों को अराइवल गेट पर ले जाने की जरूरत नहीं होगी. यात्रियों को फ्लाइट से डीबोर्ड कराकर सीधे डिपार्चर टर्मिनल लाया जाएगा.
जब हवाईजहाज उड़ान के लिए तैयार हो जाएगा तो, यात्रियों की स्क्रीनिंग कर उन्हें फ्लाइट में बैठा दिया जाएगा. बीसीएएस के डीजी ने यह बताया कि, देश में सबसे पहले बैगलुरू एयरपोर्ट पर फुल बॉडी स्कैनर लगाया जाएगा. यहां इसी महीने इसे लगा दिया जाएगा. इसके बाद दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू और हैदराबाद जैसे हवाई अड्डा पर फुल बॉडी स्कैनर लगाए जाएंगे. तीन से चार महीने में देश के तमाम बड़े एयरपोर्ट पर फुल बॉडी स्कैनर लगा दिए जाएंगे.
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नए नियमों से यात्रियों को मिलेगी राहत
पिछले साल दिसंबर में मुंबई और दिल्ली समेत कई एयरपोर्ट पर ऐसे मामले सामने आए थे, जब हवाईजहाज एक से डेढ़ घंटे तक उड़ान नहीं भर सका. जब यात्रियों को उतारा गया तो उन्हे घंटों परेशानी उठानी पड़ी थी. नए आदेश से बुजुर्ग, दिव्यांग और छोटे बच्चों वाली महिलाओं को बड़ा फायदा मिलने वाला है. इसके अलावा देश के उन बड़े हवाई अड्डों पर पहले चरण में फुल बॉडी स्कैनर की व्यवस्था कराई जाएगी, जहां सालभर में 50 लाख या उससे अधिक यात्रियों की आवाजाही करते है. इनका फायदा भी कस्टमर्स को होगा.