कहीं भी सो जाते हैं सिद्धरमैया

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नींद न देखे ठांव कुठांव। यह हिंदी की प्रसिद्ध कहावत है।

नींद न केवल हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छी होती है बल्कि हमारी आयु सीमा भी इसी पर निर्भर करती है। अगर आप रात में ढंग से सोएंगे नहीं तो यह आपके दिमाए पर सीधा असर करेगा।

यह सवाल उठा है तब जब बेंगलुरु में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमिटी की प्रेस कॉन्फ्रेंस चल रही थी। उस समय शीर्ष नेता वेणुगोपाल बोल रहे थे और इसी बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया झपकी लेते हुए नजर आए। अभी हाल में ही बेंगलुरु में चल रही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिद्धरमैया सोते हुए पाए गए थे। बाद में कांग्रेस नेता लक्ष्मी हेबालकर ने उन्हें कोहनी मारकर जगाया था।

बता दें कि सिद्धरमैया को स्लीपिंग डिसआर्डर है और इससे छुटकारा पाने के लिए वह योगा भी करते हैं। इससे पहले भी कई बार विपक्ष पार्टियों ने विधानसभा सत्र के दौरान सो जाने पर सिद्धरमैया की आलोचना की है। वह विधानसभा सत्र, पब्लिक मीटिंग और यहां तक की पार्टी मीटिंग्स में भी सोते हुए देखे जा चुके हैं।

अनिद्रा, नींद न आने का सबसे आमफहम रोग है। अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति गहरी नींद नहीं ले पाता और निश्चिंत नींद नहीं ले पाता। नींद के लिए पर्याप्त समय होने के बावजूद भी ऐसा होता है कि व्यक्ति देर से सोता है या उसे किसी वजह से जल्दी जगना पड़ता है। अनिद्रा रोग नींद की गुणवत्ता और मात्रा दोनों को प्रभावित करता है। व्यक्ति दिन में थका हुआ और निस्तेज महसूस करता है।

स्लीपिंग डिसआर्डर से पीड़ित लोगों को हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कई गुना ज्यादा रहता है। स्लीप स्पेशलिस्ट कहते हैं, नींद पूरी न होने से डायबिटीज, वेट गेन, हाई ब्लड प्रेशर और इरेग्युलर हार्ट बीट जैसी प्रॉब्लम्स आ जाती है।

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