जानिये, किन तीन राज्यों में पेट्रोल, डीजल में घटेगा वैट?

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महाराष्ट्र, गुजरात और हिमाचल प्रदेश ने मंगलवार को पेट्रोल और डीजल पर मूल्यवर्धित कर (वैट) में कटौती की घोषणा की, जो आधी रात से प्रभावी होगी। इससे इन तीनों राज्यों में ईंधन की कीमतें कम हो जाएंगी। जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित महाराष्ट्र और गुजरात ने वैट में चार फीसदी कमी की घोषणा की है, वहीं कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश ने वैट में एक फीसदी की कटौती की है।

राज्य द्वारा ज्यादा लगाए गए विभिन्न सेस में छूट नहीं दी

ऑल इंडिया पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता अली दारूवाला ने बताया कि इस कमी के बाद महाराष्ट्र में पेट्रोल और डीजल के दाम क्रमश: 2.33 रुपये प्रति लीटर और 1.25 रुपये प्रति लीटर कम हो जाएंगे। हालांकि राज्य द्वारा ज्यादा लगाए गए विभिन्न सेस में छूट नहीं दी गई है।

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यह कदम केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा सभी राज्यों को पत्र लिखकर पेट्रोलियम पदार्थो पर राज्यस्तरीय कर में कटौती की गुजारिश के बाद उठाया गया है, जिसके कारण स्थानीय स्तर पर कीमतों में बढ़ोतरी होती है।

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 50 फीसदी की वृद्धि हो जाती है

मुंबई पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि शिंदे ने कहा कि राज्य में वैट की वर्तमान दर पेट्रोल पर करीब 26 फीसदी और डीजल पर 21 फीसदी है। इसके अलावा कई सेस लगाए जाते हैं, जो कुल नौ रुपये प्रति लीटर है। इसके कारण राज्य स्तर पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 50 फीसदी की वृद्धि हो जाती है।

सरकार को 2,500 करोड़ रुपये का नुकसान होगा 

दारूवाला ने मीडिया को बताया, “राज्य सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर सेस हटाने की हमारी मांग को खारिज कर दिया और हमें सूचित किया गया कि इसका उपयोग जून में घोषित किसानों की ऋण माफी के लिए किया जाएगा।”वैट में कटौती से महाराष्ट्र सरकार को 2,500 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।

सरकार ने वाहन ईंधन की कीमत 60 पैसे घटा दी थी

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “वैट में कमी से पेट्रोल की कीमतों में 2.93 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमतों में 2.72 रुपये की कमी आएगी।”केंद्र सरकार द्वारा मूल उत्पाद शुल्क में चार अक्टूबर से दो रुपये प्रति लीटर की कमी करने के निर्णय के तुरंत बाद गुजरात सरकार ने वाहन ईंधन की कीमत 60 पैसे घटा दी थी।

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2,316 करोड़ रुपये का बोझ सरकारी खजाने पर पड़ेगा

रूपानी ने कहा कि वैट की कमी के कारण सालाना 2,316 करोड़ रुपये का बोझ सरकारी खजाने पर पड़ेगा। गुजरात सरकार की वाहन ईंधन पर वैट के जरिए सालाना 12,000 करोड़ रुपये की कमाई होती है।गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था, विशेष रूप से राज्य परिवहन बसों की लागत को देखते हुए निर्णय लिया गया है, जो डीजल पर काफी हद तक निर्भर करते हैं।

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मध्य वर्ग के लिए यह फैसला बड़ी राहत प्रदान करेगा

उन्होंने कहा, “दीवाली त्योहार और छुट्टी के दौरान मध्य वर्ग के लिए यह फैसला बड़ी राहत प्रदान करेगा।”
वैट कटौती के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि आगामी चुनाव के मद्देनजर यह एक बहाना था।गोहिल ने कहा, “आपने पिछले तीन सालों में लोगों को लूट लिया था, लेकिन कटौती नहीं की। अब चुनाव करीब है तो आप कीमतों में कमी लाने की बात कर रहे हैं। अगर भाजपा सोचती है कि यह लोगों को बेवकूफ बना सकती है तो वह गलत है।”

हिमाचल प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर 27 फीसदी वैट लगता है

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। गुजरात और महाराष्ट्र के बाद हिमाचल प्रदेश वैट में कटौती करने वाला देश का तीसरा राज्य बन गया है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में जल्द ही विधानसभा चुनाव होनेवाले हैं। एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि हिमाचल प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर 27 फीसदी वैट लगता है, जिसमें एक फीसदी की कटौती की गई है।

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