इस वजह से कैंसल हुई ZEE और SONE की मर्जर डील, जानें ?

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ZEE ने मुंबई बेंच के नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में प्रस्तुत विलय कार्यान्वयन आवेदन को वापस लेने का निर्णय लिया है. बीती 24 जनवरी 2024 को ZEE ने एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें जी एंटरटेनमेंट और सोनी समूह की कंपनियों कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड और बांग्ला एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के विलय समझौते को लागू करने की मांग की गई थी.

वही जी की तरफ से जारी किए गए बयान में इस बात को लेकर कहा गया है कि, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से मिली कानूनी सलाह ने कंपनी को कार्यान्वयन आवेदन वापस लेने का निर्णय दिया है. यह निर्णय कंपनी की ग्रोथ को बढ़ाने और सभी शेयरधारकों के लिए उच्च मूल्य स्थापित करने के रणनीतिक अवसरों को देखने में सक्षम बनाएगा, एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि, बोर्ड प्रबंधन द्वारा उठाए गए उन्मुख कदमों की समीक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है और समय पर सलाह देने के लिए भी प्रतिबद्ध है.

कंपनी ने कही ये बात

इसके आगे कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि, ” यह कदम कंपनी को सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर और अन्य मंचों पर चल रही मध्यस्थता कार्यवाही में सोनी के खिलाफ अपने सभी दावों को आक्रामक ढंग से आगे बढ़ाने में सक्षम बनाएगा. जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स का विलय सौदा अगर पूरा होता, तो भारत में सबसे बड़ी मीडिया इकाई बनने का मार्ग प्रशस्त हो जाता. हालांकि, नई इकाई के नेतृत्व पर सहमति नहीं बन पाने से यह अंजाम तक नहीं पहुंच पाया.”

ZEE चेयरमैन आर. गोपालन ने इस मुद्दे पर कहा कि, ”कंपनी के लिए पहली प्राथमिकता अपने प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करना है और भविष्य के लिए निर्धारित किए गए लक्ष्यों को प्राप्त करना है. हमने पिछले कुछ महीनों में प्रबंधन द्वारा उठाए गए प्रमुख कदमों की समीक्षा की है, जो परिणाम-उन्मुख हैं और हमारा मानना है कि कंपनी एक मजबूत विकास पथ पर आगे बढ़ने के लिए तैयार है. इसलिए, एक स्वतंत्र कानूनी राय मांगने के बाद, बोर्ड ने कंपनी के प्रबंधन को NCLT के समक्ष दायर कार्यान्वयन आवेदन वापस लेने की सलाह दी है”

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”कंपनी के मजबूत विकास के लिए लिया गया यह फैसला”

इसके आगे बोलते हुए गोपालन ने कहा है कि, ” बोर्ड ने महत्वपूर्ण व्यावसायिक पहलुओं पर प्रबंधन के साथ नियमित रूप से समीक्षा करने और सलाह देने के लिए एक मेंटरशिप कार्यक्रम (3M) भी शुरू किया है. बोर्ड और प्रबंधन द्वारा किए जा रहे ठोस प्रयासों का उद्देश्य शेयरधारकों के लिए लगातार उच्च मूल्य उत्पन्न करने के लिए मजबूत विकास हासिल करना है”

गौरतलब है कि, 22 जनवरी को सोनी ग्रुप ने जी एंटरटेनमेंट के साथ अपनी भारतीय शाखा का विलय करने संबंधी 10 अरब डॉलर का सौदा रद्द कर दिया था. सोनी ने विलय के बाद बनने वाली इकाई के नेतृत्व को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद को हल नहीं कर पाया. साथ ही, सोनी ने विलय समझौते की शर्तों को नहीं मानने पर 9 करोड़ डॉलर का हर्जाना मांगा और आर्बिट्रेशन ट्राइब्यूनल में मामला दाखिल किया.

 

 

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