‘अच्छा पकौड़ा बनाने वाला 2-3 सालों में रेस्टोरेंट भी खोल सकता है’
देश में ‘पकौड़ा रोजगार’ पर चल रही बहस में अब मध्य प्रदेश की राज्यपाल और गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल भी कूद गई हैं। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी के पकौड़ा वाले बयान को विपक्ष तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहा है इसके साथ ही उन्होंने यह भी दलील दी कि कैसे एक शख्स जो हर रोज पकौड़ा बेच कर 200 रुपये कमाता है उसे उसका ‘रोजगार’ माना जाए। आनंदी बेन ने कहा, ‘पकौड़ा बनाना एक स्किल है जो कि एक बड़े बिजनेस की ओर पहला कदम हो सकता है।’
अच्छा पकौड़ा बनाने वाला 2-3 सालों में रेस्टोरेंट भी खोल सकता है
इसके आगे उन्होंने कहा कि अगर कोई दुकानदार अच्छे पकोड़े नहीं बनाता है तो उसके पास ग्राहक नहीं आते हैं। लेकिन ऐसा न सोचिए कि यह एक अच्छा रोजगार नहीं है। अगर वह शख्स अच्छे पकोड़े बनाता है तो अगले तीन साल में वह अपना रेस्ट्रां खोल सकता है और अगले 4-5 सालों में उसका अपना होटल भी खोल सकता है।
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पीएम मोदी ने दिया था पकौड़े पर बयान
आपको बता दें कि आनंदी बेन मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में ‘गोंड महासभा’ को संबोधित कर ही थीं। जिसमें आसपास के सैकड़ों आदिवासी हिस्सा लेने आ थे। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि क्या अगर कोई शख्स हर रोज पकौड़ा बेच कर 200 रुपये कमाता है तो उसे रोजगार माना नहीं जाएगा। उनके इस बयान पर विपक्ष के साथ और सोशल मीडिया में काफी आलोचना हुई थी।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा भीख मांगना भी क्या रोजगार है
पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने कहा था कि अगर पकौड़ा बेचना रोजगार है तो भीख मांगने को क्या माना जाए। लेकिन इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा में अपने भाषण में पी. चिदंबरम के इस बयान पर निशाना साधते हुए थे कहा कि कोई मेहनत करके पकौड़े बेच स्वरोजगार करता है तो क्या उसकी तुलना भिखारी से की जाएगी।
(साभार- एनडीटीवी इंडिया)