जानिये क्यों भड़के अमिताभ, नहीं चाहते प्रशंसा
नाम, शोहरत और प्रशंसा कौन नहीं चाहता, लेकिन इन दिनों अमिताभ इन सब से दूर रहना चाहते है। आमिताभ का कहना हैं कि 75 साल की उम्र में वो इन सब से दूर रहना चाहते है। उन्होंने अपना ये दर्द एक ब्लॉग के माध्यम से बयान किया। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन का कहना है कि 75 साल की उम्र में वो प्रसिद्धि से मुक्ति और शांति चाहते हैं।
अवैध निर्माण’ के मामले में आरोप लगे
उनकी ख्याति के कारण उन पर बोफोर्स घोटाले, पनामा पेपर्स और हाल में अपनी संपत्ति पर ‘अवैध निर्माण’ के मामले में आरोप लगे। अमिताभ ने रविवार को अपने ब्लॉग पर एक पोस्ट में कहा, ‘इस उम्र में मुझे शोहरत से मुक्ति और शांति चाहिए। अपने जीवन के आखिरी कुछ वर्षों में मैं अपने साथ अकेला रहना चाहता हूं। मुझे उपाधि नहीं चाहिए। मैं उससे घृणा करता हूं। मैं सुर्खियों की तलाश नहीं करता, मैं उसके लायक नहीं हूं। मैं प्रशंसा नहीं चाहता।
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मैं उसके योग्य नहीं हूं।’उनके वकील ने मुंबई के गोरेगांव पूर्व में बीएमसी की ओर से भेजे गए नोटिस के संबंध में अभिनेता की संपत्ति पर किसी भी अवैध निर्माण से इनकार कर दिया, जिसके कुछ दिन बाद अमिताभ ने ये पोस्ट किया है। एक बड़े से पोस्ट में अमिताभ ने लिखा है, ‘उस नोटिस को मुझे अभी भी देखना है, लेकिन शायद उसके आने का समय आ गया है।
कभी-कभी चुप रहना ही बुद्धिमानी होती है
कई बार जब मुझ पर आरोप लगते हैं तो मैं उन्हें सही तरीके से हल करने का प्रयास करता हूं, लेकिन कभी-कभी चुप रहना ही बुद्धिमानी होती है।’बीएमसी के आरोप जैसे मुद्दे पर उन्होंने लिखा, ‘मीडिया के बजाय व्यवस्था को इसका हल निकालना चाहिए।’अमिताभ ने बोफोर्स घोटाले पर लिखा, ‘कई वर्षों तक हमें परेशान किया गया, गद्दार घोषित किया गया, हमारे साथ दुर्व्यवहार किया गया और हमें अपमानित किया गया।’
नाम को हटने में 25 साल लग गए
अमिताभ ने कहा कि इस घोटाले से उनके नाम को हटने में 25 साल लग गए। उन्होंने लिखा, ‘जब मीडिया ये समाचार भारत लेकर आया, उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं इस बारे में क्या करूंगा। क्या मैं ये जानने की कोशिश करूंगा कि ये किसने किया या अपना प्रतिशोध लूंगा।’
कौन सा प्रतिशोध और जानकारी मैं चाहूंगा?
अमिताभ ने लिखा, ‘कौन सा प्रतिशोध और जानकारी मैं चाहूंगा? क्या ये उन दुखों और मानसिक यातनाओं को दूर कर सकेगा, जिससे हम वर्षों तक गुजरे हैं। क्या हमारा इलाज कर सकेगा। क्या ये हमें आराम दे पाएगा? नहीं, ये नहीं होगा। तो मैंने मीडिया से कहा कि मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। ये मामला मेरे लिए ख़त्म हो गया है।
ब्लॉग का अंत यहूदियों के एक चुटकुले से किया है
अमिताभ ने पनामा पेपर्स मामले पर लिखा, ‘हमसे प्रतिक्रिया मांगी गई। इन आरोपों का खंडन करने और नाम का गलत इस्तेमाल करने के कारण हमारी तरफ से दो बार जवाब दिया गया। उन्हें छापा भी गया, लेकिन सवाल बरकरार रहे। अमिताभ ने आगे लिखा, ‘एक ज़िम्मेदार नागरिक के रूप में हमने हमेशा पूरा सहयोग किया और इसके बाद भी अगर और जांच होगी तो हम पूरा सहयोग करेंगे। अमिताभ बच्चन ने ब्लॉग का अंत यहूदियों के एक चुटकुले से किया है।
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