गैर-इजाजती स्थान पर दीवार फांदकर दाखिल हुए अखिलेश यादव, जानें क्या है मामला ?
आज देश में समाजवादी विचारक और देश में सम्पूर्ण क्रांति का बिगुल फूंकने वाले लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर प्रशासन ने सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव को जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने की अनुमति नहीं दी थी। इस बात से नाराज सपा कार्यकर्ता पार्टी नेता रामगोविंद चौधरी के नेतृत्व में प्रदर्शन करते हुए प्रशासन द्वारा तैनात किये गए सुरक्षाबल से सीधा टकरा गए । इसके बाद जो हुआ उसकी शायद ही किसी ने कल्पना की होगी, इसी बीच विरोध में शामिल सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने जेपीएनआईसी का गेट बंद होने पर दीवार फंदकर जयप्रकाश नारायण की मूर्ति पर माल्यार्पण कर आए।
क्यों नहीं मिली माल्यार्पण की इजाजत
जयप्रकाश नारायण की जंयती के अवसर पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर यानी जेपीएनआईसी जाना चाहते थे। जिसके लिए सपा अध्यक्ष ने बकायदा एलडीए उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने अनुमति मांगी थी। लेकिन सुरक्षा का हवाला देते हुए जेपीएनआईसी में मूर्ति पर अखिलेश यादव को माल्यार्पण करने की अनुमति नहीं दी गयी । इसके चलते मंगलवार की शाम एलडीए ने जेपीएनआईसी के गेट पर ताला भी डाल दिया था, साथ ही कोई गेट न लां घ जाए इसके लिए लोहे की चादर भी लगाई गयी थी।
भाजपा पर फूटा अखिलेश का गुस्सा
इस मसले को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी एक्स पर लिखी गयी पोस्ट में गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा है कि, ‘अगर भाजपा को यही मंज़ूर है तो यही सही। अखिलेश यादव ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा- ‘महान समाजवादी विचारक, सामाजिक न्याय के प्रबल प्रवक्ता लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर अब क्या सपा को माल्यार्पण करने से रोकने के लिए ये टिन की चद्दरें लगाकर JPNIC का रास्ता रोका जा रहा है।’
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लोकनायक के आंदोलन की स्मृति को दोहराने से डर भाजापा – अखिलेश यादव
अखिलेश ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा- ‘जयप्रकाश जी की तरह दोबारा भ्रष्टाचार, बेकारी-बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ आंदोलन ना होने लगे इससे बीजेपी डर रही है। उन्होंने कहा की बीजेपी के राज्य में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि क्या माल्यार्पण के लिए भी अब सम्पूर्ण क्रान्ति करना होगी। समाजवादी पार्टी का कहना है कि अखिलेश यादव JPNIC का निरीक्षण ना करने लगें, बीजेपी को इस बात का डर था। इसीलिए अपनी अव्यवस्थाओं को छिपाने के लिए एलडीए ने अखिलेश यादव को माल्यार्पण की इजाजत नहीं दी।’