आखिर पहाड़ी इलाकों में ही क्यों फटता है बादल ?

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यूं तो अब बादल फटने की घटना आम सी हो गयी है और बात हो अगर उत्तराखंड की तो और भी ज्यादा आम बात होती है. क्योंकि, उत्तराखंड में आमूमन हर साल ही बादल फटने की घटना सामने आती ही है. इसी कड़ी में बीते गुरूवार को उत्तराखंड के पौड़ी गढवाल जिले से बादल फटने की घटना सामने आयी है. आसमान से बरसी इस आफत में सैकड़ो घर, गौशालाएं बह गए और स्टेट हाईवे एक बड़ा हिस्सा वॉशआउट हो गया. इसकी वजह से राष्ट्रीय मार्ग को बंद करना पड़ा. कुल मिलाकर इस आफत में जान माल का भारी नुकसान हुआ है.

यह कोई पहली बार नहीं है कि, उत्तराखंड में बादल फटा है. इससे पहले कई बार बादल फटने की घटनाएं सामने आती रहती हैं. ऐसे में पहाड़ो में अक्सर आने वाली ये आसमानी तबाही आखिर आती ही क्यों है? क्यों पहाड़ी इलाकों में ही फटते हैं बादल और जब बादल फटता है तो कैसा नजरा होता है ? इन सब सवालों के जवाब हम आपको इस लेख में देने जा रह है ….

कैसे फटता है बादल ?

वैसे तो बारिश होना एक आम बात है, लेकिन जब एक छोटे से इलाके में कम समय में 10 मिमी. से ज्यादा बारिश हो जाती है तो, इसे ही बादल फटना कहते हैं. कभी – कभी ऐसा भी होता है कि, एक इलाके में एक से अधिक बादल फट जाते हैं. कुछ ऐसा ही साल 2016 में उत्तराखंड में त्रासदी में भी हुआ था. इस बादल फटने की घटना से उत्तराखंड में भारी तबाही आयी थी, जिसमें हजारों घर, मकान , इलाके और 150 से ज्यादा जिंदगियां खत्म हो गयी थी.

क्यो फटता है बादल ?

”बादल फटना ” तेज बारिश के लिए प्रयोग किया जाने वाला एक मुहावरा है, यह तकनीक शब्द होता है. इसके अलावा मौसम वैज्ञानिकों के तौर पर ऐसा नहीं होता है कि, बादल किसी गुब्बारे या सिलेंडर की तरह फट जाते हैं. असल में बादल फटना बारिश का चरम होता है. बादल फटने की वजह से इलाके में भारी बारिश होती है, बताते है कि, जिस भी इलाके में बादल फटने की घटना होती है वहां पर कुछ ही समय में भारी मात्रा में बारिश हो जाती है. जिसका आप शायद अंदाजा भी नहीं लगा सकते है, यही वजह है कि, अचानक से आयी इतनी बारिश की वजह से इलाके में जल का स्तर काफी बढ जाता है और बाढ आ जाती है.

आमतौर पर बादल तब फटता है जब एक स्थान पर नमी वाले बादल काफी बड़ी संख्या में इकट्ठा हो जाते है, ऐसे में बादल में मौजूद पानी की बूंदे एक दूसरे से मिल जाती है और इनके मिलने से इनका वजन इतना बढ जाता है कि, बादल पानी का भार संभाल नहीं पाता है और भारी बाऱिश शुरू हो जाती है.

पहाड़ी इलाको में ही क्यों फटते है बादल ?

लोगों के मन में उठने वाला यह बड़ा सवाल है कि, पहाडी इलाकों में ही बादल क्यों फटता है ? ऐसा इसलिए होता है क्योंकि, पानी से भरे हुए बादल जब हवा के साथ आगे बढते हैं तो, पहाडों के बीच फंस जाने से उसके आगे नहीं जा पाते हैं. तब बादलों में वही नमी वाली प्रक्रिया होती है और एक समय में कई मिमी बारिश हो जाती है. जिसकी वजह से बाढ और कई तरह की घटना घटित हो जाती है.

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अब तक इन इलाको में हो चुकी है बादल फटने की घटना

साल 1998 में कुमाऊं में बादल फटने की घटना में 250 लोगों की मारे जाने की खबर सामने आयी थी. इसके बाद साल 2005 में मुंबई में बादल फटा था, जिसमें 50 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आयी थी. इसके बाद साल 2005 में ही हिमाचल से बादल फटने की घटना में 10 लोग मारे गए थे. इसके बाद साल 2010 में लेह में बादल फटा था, जिसमें 1000 से ज्यादा लोगों की मौत और 400 तक के लोग घायल हो गए थे. 2011 में जम्मू में बादल फटा था, 4 लोगो की मौत और कई लोग घायल हो गए थे. इस प्रकार अब तक कई सारी बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं.

क्योंकि बादल फटने का पहले से अनुमान नहीं लगाया जा सकता है, यही वजह है कि, जब – जब यह आपदा आयी है इसने भयंकर तबाही मचाई है. ऐसे में इस आपदा से बचाव या राहत कार्य ही किया जा सकता है.

 

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