पुरानी पेंशन बहाली की मांग: लखनऊ में कर्मचारियों ने की महारैली

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उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर सोमवार को राजधानी लखनऊ के इको गार्डन में हजारों की संख्या में कर्मचारियों ने महारैली की। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार पेंशन का पैसा जमा नहीं कर रही है।

नई पेंशन व्यवस्था में कर्मचारियों का पैसा काटा जा रहा है, जबकि सरकार को भी दस प्रतिशत देना था। सचिवालय और पुलिस विभाग भी समर्थन कर रहा है।

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कर्मचारियों का कहना है कि पेंशन हमारे वेतन का एक हिस्सा है, कोई खैरात नहीं है, इसमें सेंध नहीं लगाने देंगे।कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव से बात करने के लिए रवाना हो चुका है। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के आवास की ओर कूच करने की रणनीति बनाई है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया है।

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पुलिस भर्ती जवानों ने भी पुरानी पेंशन बहाली की व्यवस्था का समर्थन किया है। इसके अलावा इस महारैली में शिक्षक, अफसर, इंजीनियर से लेकर कई विभागों के हजारों कर्मचारी शामिल हैं। इस महारैली और प्रदर्शन के लिए कर्मचारियों का सुबह से ही ट्रेनों और बसों में भरकर लखनऊ पहुंचना शुरू हो गया था।

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जानकारी के मुताबिक साल 2008 से 2009 के बीच 9 सालों में नई पेंशन नीति के तहत करीब 57 सौ करोड़ रुपये जमा कराए गए थे जबकि प्रदेश सरकार के पास इसका कोई लेखा-जोखा नहीं है। उन्होंने कहा कि 8 अक्टूबर को सार्वजनिक रूप से इको गार्डन में इस घोटाले का पर्दाफाश किया जाएगा।

सरकार पर लगाया आरोप

कर्मचारी मंच के नेता हरि किशोर तिवारी का कहना है कि अगर योगी आदित्यनाथ उनकी मांगों को पूरा नहीं करते हैं तो प्रदेश स्तर पर इसका विरोध किया जाएगा और 25 अक्टूबर से अनिश्चितकाल के लिए सभी सेवाएं ठप कर हड़ताल की जाएगी। आरोप है कि सरकार ने नई पेंशन में करीब 57 करोड़ का घोटाला किया है। सरकार ने 2005 में नई पेंशन स्कीम तो लागू कर दी, लेकिन 2005 से 2008 तक सरकार की तरफ से एक भी पैसा जमा नहीं किया गया।

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर इको गार्डन में होने वाली इस रैली में सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग, उद्यान विभाग, इनकम टैक्स और सचिवालय सहित कई निगमों के कर्मचारी शामिल।

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