Docter’s day special: वाराणसी का एक ऐसा अस्पताल जहां बेटी पैदा होने पर नहीं लगता शुल्क, अब तक 500 से ज्यादा बेटियों ने लिया जन्म
लखनऊ: हमारा देश तेजी से प्रगति कर रहा है. समय के साथ बहुत कुछ बदल गया है, लोगों की सोच भी बदल रही है. इसके बावजूद हमारे समाज में आज भी बेटे और बेटियों में अंतर है. कई घरों में लोग बेटे के जन्म पर जश्न तो मनाते हैं, लेकिन बेटी उन्हें बोझ लगती है. कई बार ऐसी घटनाएं भी सामने आती हैं जब बेटे की चाहत में बेटी को कोख में ही मार दिया जाता है. इन सब बातों के बावजूद भी कई लोग ऐसे हैं जो बेटे-बेटियों को एक समान मानते हैं और खुशियां मनाते हैं. लेकिन वाराणसी में एक डॉक्टर ऐसे भी हैं जो बेटी के जन्म पर जश्न मानती हैं और मिठाइयां बांटती हैं. इतना ही नहीं वह बेटी के जन्म पर फीस भी नहीं लेती हैं.
पीएम मोदी ने भी की सराहना…
वाराणसी के अशोक विहार कॉलोनी में रहने वाली डॉ. शिप्राधर श्रीवास्तव काशी मेडिकेयर नाम से अपना क्लीनिक चलतीं हैं. जहां बेटी के जन्म पर कोई डिलीवरी चार्ज नहीं लगता है. उनके इस नेक काम की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं. 2019 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी आए थे तो उन्होंने मंच से शिप्राधर श्रीवास्तव का नाम लेकर उनके काम की सराहना की थी. जिसके बाद शिप्रा धर श्रीवास्तव का हौसला और मजबूत हो गया और वह लगातार बेटियों के जन्म पर अपने क्लीनिक पर जश्न मनाती हैं और लोगों को मिठाई खिलाती हैं.
बेटी होने पर नहीं लेती कोई फीस…
डॉ. शिप्राधर श्रीवास्तव ने बात चित में बताया कि यह अभियान 2014 में शुरू हुआ था. उन्होंने बताया कि जब उनके क्लिनिक में कोई लड़की पैदा होती थी तो लोग ख़ुशी के जगह गम में डूब जाते थे. तब मुझे बहुत बुरा लगता था. उसी वक्त मैंने अपने पति डॉ मनोज श्रीवास्तव से बात कर सलहा ली कि मैं ऐसा क्या करू कि जिससे परिवार वालों के चेहरे पर ख़ुशी आ सके. तभी मेरे पति ने मुझे सलहा दी कि जिसके घर में बेटी पैदा हुई है. अगर आप उनके चेहरे पर मुस्कान देखना चाहते हैं तो उनसे पैसे न लें, फ्री डिलीवरी कराएं, तो वहीं से ये सिलसिला शुरू हुआ और आज मेरे क्लीनिक पर 565 डिलीवरी आ चुकी हैं.
मोटी रकम एठने वाले डॉक्टर्स को डॉ शिप्रा से शिख लेनी चाहिए…
आज डॉ. शिप्राधर के क्लिनिक में पूर्वांचल से कई लोग आते हैं और इलाज कराते हैं. मरीजों का कहना है कि इस तरह का अभियान अन्य डॉक्टरों के लिए एक सबक है. बच्चा पैदा करने के नाम पर मोटी रकम वसूलने वालों को डॉ. शिप्राधर श्रीवास्तव से सीख लेनी चाहिए कि चाहे अमीर हो या गरीब, वह सबको बराबर समझती हैं और बेटी के जन्म पर एक रुपया भी नहीं लेतीं.