नरगिस जन्मदिन: पद्मश्री और राज्यसभा सदस्य बनने वाली पहली अभिनेत्री, जानिए इनके बारें में दिलचस्प बातें

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नरगिस दत्त बॉलीवुड का जाना पहचाना नाम हैं. उन्होंने इंडस्ट्री को कई बेहतरीन फिल्में दी हैं. उनका नाम आते ही दिमाग में फिल्म मदर इंडिया के मेहबूब खान की तस्वीर बन जाती है. महज 28 साल की उम्र में उन्होंने सुनील दत्त और राजेंद्र कुमार की मां का किरदार निभाकर सभी को चौंका दिया था. उनकी एक्टिंग की हर कोई तारीफ करता है. उनकी गिनती हिंदी सिनेमा की महान अभिनेत्रियों में की जाती है.

1 जून 1929 को जन्मी नरगिस दत्त ने अपने फिल्मी सफर में कई बेहतरीन फिल्में दीं. नरगिस ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1935 में फिल्म तलाश-ए-हक से की थी. 1949 में उन्होंने मेहबूब खान की फिल्म अंदाज से मुख्य अभिनेत्री के तौर पर डेब्यू किया. राज कपूर के साथ उन्होंने बरसात, आवारा और आग जैसी हिट फिल्में दीं.

नरगिस संजय दत्त के बेहद करीब थीं…

नरगिस दत्त ने अपने करियर में कई शानदार फिल्मों में काम किया और अपनी एक्टिंग के दम पर लोगों के दिलों में खास जगह बनाई. नरगिस अपने बेटे संजय दत्त के बेहद करीब थीं. भले ही आज नरगिस इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके बेटे संजय दत्त अक्सर उन्हें याद करते हैं और उनके साथ बिताए पलों की तस्वीरें भी शेयर करते हैं.

नरगिस राज कपूर से बेहद प्यार करती थीं…

एक समय ऐसा आया जब नरगिस को राज कपूर से प्यार हो गया. इनका रिश्ता करीब नौ साल तक चला. इन नौ वर्ष में दोनों में इतना प्यार बढ़ गया कि दोनों शादी करना चाहते थे. लेकिन उनके रिश्ते का एक कड़वा सच ये था कि राज कपूर पहले से शादीशुदा थे. राज कपूर ने कई बार अपनी पत्नी कृष्णा को तलाक देकर नरगिस से शादी करने का वादा किया था. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और दोनों के रिश्ते का अंत हो गया. राज कपूर से ब्रेकअप के बाद नरगिस की जिंदगी में सुनील दत्त आए. राज कपूर से अलग होने के बाद नरगिस ने फिल्म ‘मदर इंडिया’ साइन की थी. इस फिल्म के सेट पर ही नरगिस और सुनील दत्त के बीच अच्छी दोस्ती हुई थी और वह प्यार में बदल गई. साल 1958 में नरगिस ने सुनील दत्त से शादी कर ली.

राज्यसभा जाने वाली बानी पहली महिला अभिनेत्री…

नरगिस को अपने बॉलीवुड करियर में काफी सम्मान मिला. उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. 1980 में इंदिरा गांधी की सरकार ने उन्हें राज्यसभा सदस्य भी बनाया. नरगिस राज्यसभा के लिए चुनी गई पहली महिला फिल्म स्टार थीं. मुंबई के बांद्रा में उनके नाम पर एक सड़क है. हर साल आयोजित होने वाले राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म को नरगिस दत्त पुरस्कार दिया जाता है.

कैंसर से छीन ली जिंदगी…

नरगिस को अग्नाशय का कैंसर था, जिसका पता चलने पर न्यूयॉर्क में इलाज कराया गया. कुछ समय बाद वह भारत लौटीं तो उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई और वह कोमा में चली गईं. 3 मई 1981 को उनका निधन हो गया. इसके कुछ दिन बाद संजय दत्त की डेब्यू फिल्म ‘रॉकी’ रिलीज हुई, जिसकी एक सीट नरगिस के लिए खाली रखी गई थी.

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