ये क्या कह गईं आप मंत्री जी, दलित के घर काटते है मच्छर फिर भी…

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एक तरफ भाजपा दलित प्रेम दिखाने के लिए उनके घर खाना खाने और उनका दिल जीतने की हर संभव कोशिश कर रही है तो दूसरी तरफ भाजपा के कुछ मंत्री अनाप सनाप बयानबाजी (statement) करके पार्टी की अच्छी खासी किरकिरी करा रहे हैं। ताजा मामला योगी सरकार की बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल के बेतुके बयान का सामने आया है।

दलितों के घर मच्छर काटते हैं…

जिसमें उन्होंने कहा कि दलितों के घर में मच्छर काटते हैं। इस बयान के बाद सवालों के घेरे में आई बेसिक शिक्षा मंत्री ने ऐसा बयान दिए जाने से पल्ला छाड़ लिया है। उनका कहना है कि उनकी कही बात को तोड़ मरोड़ करके पेश किया जा रहा हैं।बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ‘दलितों के घर मच्छर काटते हैं’ वाले विवादित बयान से पलट गई हैं। उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।

आपको बताते चलें कि बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने शुक्रवार को कहा था कि दलितों के घर मच्छर काटते हैं फिर भी हम दलितों के घर जाते हैं उनका खाना खाते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं। बयान पर विवाद के बाद मंत्री ने कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ कहा ही नहीं है। फिर अगर कहीं से उनका इस तरह का बयान आ रहा है तो शायद उनके बयान को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है। बेसिक शिक्षा मंत्री शुक्रवार रात अपने गृह जनपद बहराइच के चितौरा विकास खंड के ग्राम इटौंझा में ग्राम स्वराज अभियान के तहत ग्राम चौपाल और रात्रि प्रवास कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आईं थीं। उक्त अवसर पर उन्होंने लाभार्थियों को कल्याणकारी योजनाओं के प्रमाण पत्र दिए। उन्होंने यहां गर्भवती महिलाओं को गोद भराई और पुष्टाहार उपलब्ध कराया वहीं नवजात शिशुओं का अन्नप्राशन कराया।

अगर मच्छर काट भी रहा है तो…

मंत्री ने बताया कि बयान से पहले उनसे सवाल किया गया था लोग एसी कूलर लगा कर मच्छरों से बचाव करके दलितों के घर भोजन करने जाते हैं। उसके जवाब में हमने कहा था ऐसा नहीं है हम लोग जहां जा रहे हैं, वहां मच्छर नहीं होता, मच्छर तो हर जगह होता है अगर मच्छर काट भी रहा है तो कोई बात नहीं। उन्होंने कहा कि हम लोग गांवों में जाकर लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं, उनको योजनाओं का लाभ दिला रहे हैं। इससे हमें बड़ी प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है हम पावन पुनीत कार्य कर रहे हैं।

नए बर्तन में खाना खाया और ही नए गिलास में पानी पिया

नरेंद्र मोदी और योगी की अगुवाई में सारी योजनाएं गांव, गरीब, झुग्गी-झोपड़ी, दलितों पिछड़ों, वंचितों के लिए बनाई गई हैं। अनुपमा जायसवाल ने कहा कि उन्होंने ये बातें कही थी लेकिन उसका किस तरह से इंटरप्रिटेशन कर लिया गया मैं नहीं कह सकती। उन्होंने पुनः स्पष्ट किया कि यह बात वह कभी कह ही नहीं सकती। उन्होंने दलित के घर भोजन करने के बाद ये बातें कहीं। दलित के घर उन्होंने न तो नए बर्तन में खाना खाया और ही नए गिलास में पानी पिया। उन्होंने घर के लोगों के हाथों से बना और घर की महिलाओं द्वारा परोसा खाना पत्तल में खाया। यही नहीं उन्होंने उन झूठे पत्तलों को अपने हाथों से उठा कर किनारे डाला।

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