#women’sday: ये है खून वाली दीदी… दे रहीं हैं लोगो को जीवन

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आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) के मौके पर जर्नालिस्ट कैफे उन तमाम महिलाओं को सलाम करता है, जो समाज में रहकर लोगो की मदद कर रहीं है। इस मौके पर हम आपको बताते है ऐसी ही एक महिला के बारे में जो जरुरतमंदों की मदद कर जीवन देने का काम कर रहीं है।

बिना उनसे धर्म जाति पात पूछे उनकी मदद करती है

जलौन की रहने वाली ये महिला खून वाली दीदी के नाम से काफी फेमस है। इनका नाम ममता स्वर्णकार है। पेशे से ये अध्यापिका है। जिस किसी को भी खून की जरुरत पड़ती वे उनको खून देने के लिए हर पल तैयार रहती है। 39 साल की ममता पेशे से सरकारी प्राइमरी अध्यापिका है।

जिस किसी को भी खून की जरुरत होती है वो इनसे मदद मांग लेता है। ममता बिना उनसे धर्म जाति पात पूछे उनकी मदद करती है।

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दरअसल एक बार वो अस्पताल में गई हुई थी। वहां उन्होंने अपनी आंखो के सामने एक महिला को खून की कमी से दम तोड़ते देख लिया था। इस हादसे ने ममता को इतना झकझोर दिया कि बस वो दिन था और एक आज का दिन है।

ममता ने अपना पूरा शरीर दान कर दिया है

ममता ने ठान लिया कि किसी की भी मौत खून की कमी से न होने पाए। उस दिन के बाद से जिसे भी खून की जरुरत पड़ती थी वो उसे खून दे देती थी। इतना ही नहीं ममता मरने के बाद भी लोगो के काम आना चाहती है। ममता ने अपना पूरा शरीर दान कर दिया है।

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