यूपी: कैसे होगा इलाज, जब प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ही हैं बदहाल

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यूपी के मऊ जिले के रानीपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पूरी तरह से बदहाल दिखता नज़र आ रहा है।  स्वास्थ्य केन्द्र की बिल्डिंग पूराना और जर्जर हो चुका है। यहाँ पर काम करने वाले डाक्टर और स्टाफ डर के साये में काम करने को मजबूर है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में डाक्टर और स्टाफ की भी कमी है, साथ ही पूराने और जर्जर बिल्डिंग की जगह पर  नया बिल्डिंग भी करोडो रुपये की लागत से दो वर्ष से बन रहा है जो अभी तक बनकर तैयार नही हुआ है। जबकि इस बिल्डिंग को पूरा करने का मियाद मार्च 2016 ही तय था , लेकिन अभी तक नही बन पाया।

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स्वास्थ्य केन्द्र के अन्दर जच्चा बच्चा केन्द्र भी है जो पुराना और जर्जर हो चुका है। यहाँ पर प्रतिदिन दर्जनो की संख्या में इलाज के लिए महिलाए आती है और चेकअप कराती है। इस जच्चा बच्चा केन्द्र में कोई महिला डाक्टर नही महिलाओ के चेकअप के लिए साथ ही यह जच्चा बच्चा केन्द्र एनम और स्टाफ नर्स के भरोसे चलता है। महीने में सौ से डेढ सौ महिलाओ की यहाँ पर डिलवरी कराया जाता है।

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विभाग की तरफ से कोई कार्यवाई नहीं

ऐसा नही है कि यहाँ पर केवल साधारण महिलाए ही इलाज के लिए आती है बल्कि इस जच्चा बच्चा केन्द्र पर एक महीने में सौ से डेढ सौ महिलाओ की डिलवरी करायी जाती है । हालाकि इसके लिए कई बार केन्द्र पर तैनात एनम ने जिले स्वास्थ्य विभाग के बडे अधिकारियो को भी सूचित किया है यहाँ पर काम करने परेशानिया होती है महिला डाक्टर की भी आवश्यता है लेकिन विभाग की तरफ से कोई कार्यवाई नही किया गया है । साथ ही यहाँ पर तैनात महिला डाक्टर का यहाँ से दूसरे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर स्थानातरण कर दिया । स्थानातरण के बाद यहाँ उसके बाद से किसी दूसरी महिला डाक्टर की तैनाती नही किया गया जिसकी वजह से परेशानिया आती है । हालाकि गम्भीर मामलो में  मरीज को हायर सेन्टर पर रिफर करना पडता है ।

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दो वर्षो से नई बिल्डिग बन तैयार नही

रानीपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर तैनात चिकित्साधिकारी बताते है कि यह स्वास्थ पूरी तरह से जर्जर और बदहाल हो चुका है यहाँ काम करने में दिक्कते होती है यहाँ पर प्रतिदिन सौ से अधिक औपीडी चलती है। गम्भीर मामले आने पर उनको रेफर कर दिया जाता है। डाक्टर स्टाफ की भी कमी है। किसी तरह से काम चलता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चारो तरफ से खुला हुआ है इससे हम लोग असुरक्षित रहते है जिसकी वजह से आये दिन परेशानियाँ होती है। हालाकि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की नई विल्डिगं बन रहा है। पिछले दो वर्षो से नई बिल्डिग बन रहा है लेकिन अभी तक यह पूरी तरह से तैयार नही है सीएमओ साहब निरिक्षण करने आये थे तो कहा कि जल्द ही यह बिल्डिगं बनकर तैयार हो जायेगा तो आप लोगो को नई बिल्डिगं में शिफ्ट कर दिया जायेगा वैसे तो इस विल्डिग को मार्च 2016 में ही बनकर तैयार हो जाना था लेकिन अभी तक नही हुआ है। इसके अलावा चितित्साधिकारी बताते है कि इस प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र से जुडे पाँच सहायक पीएचसी है जहाँ पर इलाज करने की व्यवस्था है लेकिन बताते है कि खुरहट पीएचसी भी इसी तरह से बदहाल है जिसके बारे में कई बार लिखा पढी हुयी है लेकिन अभी तक कोई सुधार नही किया जा रहा है। यहाँ पर कई डाक्टरो की भी कमी है।

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चिकित्साधिकारी ने बताया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की परेशानिया

स्वास्थ्य केन्द्र कर्मचारी बातते है कि यह स्वास्थ्य इतना जर्जर हो चुका है कि काम करते समय आये दिन छत की प्लास्टर के इट टुट कर उपर गिरता रहता है जिससे आये दिन मरीज के साथ साथ काम करने वाले स्टाफ को भी चोटे आती है। बारिश के मौसम में एक भी बूद पानी बाहर नही जाता है। दवाए और मरीजो की फाइले भीगकर खराब होती है। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में काम करने वाली महिला कर्मचारी हुमैरा खातून बताती है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कोई बाउन्ड्री नही होने से आवारा पशु  स्वास्थ्य केन्द्र में घुस आते है जिससे इलाज में परेशानी उठाना पडता है साथ ही बाउन्ड्री वाल नही होने की वजह से गाव वालो का यहाँ पर आम रास्ता रहता है साथ ही इसके अलावा शादी विवाह के सीजन में इधर से वैन्डबाजे बजते रहते है जिससे इलाज में परेशानिया होती है।

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