महिलाओं से संबंधित हैं ये 8 कानून, आप भी जानें

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महिलाएं आज पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। यही नहीं कितनी महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ते हुए एक नई इबारत लिखी है। इस सबके बावजूद महिलाओं के प्रति देश में अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। जिसके कारण महिलाएं अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही हैं। अगर बात की जाए भारतीय कानूनों की तो भारत में कुछ कानून ऐसे हैं, जो महिलाओं के अधिकार और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।बस महिलाओं को इन कानूनों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। आइए आज महिलाओं के अधिकारों की सनिश्चित करने वाले इन कानूनों को जानते हैं।

1-बाल विवाह

भारतीय कानून बाल विवाह रोकथाम अधिनियम 1936 के अनुसार प्रत्येक शादी जिसमें लड़की की उम्र 18 साल से कम है और लड़के की उम्र 21 साल से कम है, अवैध मानी जायेगी। अगर कोई व्यक्ति यह शादी करवाता है तो उसे कानूनी रूप से दंडित करने का भी प्रावधान है।

2-छेड़छाड़

अगर कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का कोई समूह किसी भी महिला के प्रति गलत इशारे करता है या उससे किसी भी प्रकार से हरकत अथवा गलत टिप्पणी करता है तो उसे छेड़छाड़ माना जाएगा और भारतीय दंड संहिता की धारा 294 और 509 के तहत उस पर कार्यवाही की जाएगी।

3-पुलिस जांच में सुरक्षा

भारतीय उच्च न्यायालय के अनुसार सभी पुलिस थानों में एक महिला पुलिस अधिकारी का होना अत्यंत आवश्यक है। जिसकी रैंक कम-से-कम हेड कॉन्स्टेबल कि हो और किसी भी महिला अधिकारी का 24 घंटे थाने में मौजूद रहना अनिवार्य है।

इसके अलावा किसी भी महिला की तलाशी केवल महिला ही ले सकती है और गिरफ्तारी के समय भी महिला पुलिस का होना अनिवार्य है।यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले किसी भी महिला की गिरफ्तारी नहीं की जा सकती है और अगर गिरफ्तारी बेहद जरुरी है तो मजिस्ट्रेट का सीधा ऑर्डर आवश्यक है।

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4-हिंदू उत्तराधिकारी अधिनियम

भारत में यह अधिनियम केवल हिंदुओं के ऊपर ही लागू होता है।हिंदू उत्तराधिकारी अधिनियम 1956 के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो पैतृक संपत्ति का उत्तराधिकारी घोषित किया गया है, उसे संपत्ति हासिल करने का पूरा-पूरा अधिकार है, चाहे वह स्त्री हो अथवा पुरुष।

5-न्यूनतम मजदूरी दर

न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के अनुसार हर कार्य के लिए एक न्यूनतम मजदूरी निश्चित की गई है।दिल्ली में किसी भी महिला अथवा पुरुष के लिए न्यूनतम मजदूरी 443 रुपए है, यदि कोई इससे कम रुपए देता है, अथवा जबरदस्ती से कम रुपए देने की कोशिश करता है तो वह एक दंडनीय अपराध है।

6-दहेज विरोधी कानून

दहेज निषेध अधिनियम 1961 के तहत जो भी व्यक्ति दहेज देता है अथवा दहेज देने में किसी भी प्रकार की मदद करता है उससे पांच साल तक की जेल हो सकती है और दहेज की रकम के बराबर का जुर्माना भी देना पड सकता है।

7-घरेलू हिंसा अधिनियम

घरेलू हिंसा भारतीय कानून IPC की धारा 498 के तहत आती है और इस कानून के अंतर्गत परिवार का कोई भी सदस्य अगर किसी अन्य सदस्य के द्वारा अपमानित होता है अथवा मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित होता है तो वह इस बात की शिकायत थाने में करा सकता है। यह स्त्री एवं पुरुषों पर समान रूप से लागू होता है।

8-महिलाओं के प्रति अश्लील प्रचार

भारतीय कानून “अश्लील प्रतिनिधित्व अधिनियम 1988” के अनुसार यदि कोई भी व्यक्ति या संस्था महिलाओं का गलत तरीके से प्रदर्शन करता है या अश्लील प्रचार करती है (जो ऑनलाइन या ऑफलाइन भी हो सकता है) तो उसे आपत्तिजनक व अश्लील प्रचार का दोषी माना जाएगा एवं उस पर दंडात्मक कार्यवाही का भी प्रावधान है।

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