वाराणसी मंडल में 26,938 मीट्रिक टन गेहूं की हुई खरीद

6178.51 लाख की राशि किसानों के खाते में

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वाराणसी: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य देने के साथ ही ,किसानों के घर से भी फसलों की खरीद की है. इससे अन्नदाताओं का परिवहन का खर्च बचने के साथ ही बिचौलियों के चंगुल से भी बच रहे हैं. सरकार गेहूं के तौल का खर्च भी वहन कर पैसे उनके खाते में भेजी है. इसके तहत वाराणसी मंडल में 26,938 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद 361 गेहूं क्रय केंद्रों पर की गई. सरकार अन्नदाताओं को उनकी फसल की खरीद का 6178.51 लाख की धनराशि खाते में ट्रांसफर कर चुकी है.

खाद्य विभाग ने किया था पूरा इंतज़ाम

अन्नदाता घर बैठे अपने खून पसीने की मेहनत का सही मूल्य पाए इसके लिए जिला खाद्य विभाग ने पूरा इंतज़ाम किया था. किसानों की फसल खरीदने के लिए विभाग किसानों के घर मोबाइल वैन भी भेजी रही थी. संभागीय खाद नियंत्रक पुलकित गर्ग ने बताया कि वाराणसी मंडल में खरीद के लिए 361 गेहूं क्रय केंद्र बनाये गए थे. इसी साल मार्च से गेहूं खरीद का काम शुरू हुआ और 15 जून तक 26,938 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है. गेहूं क्रय में वाराणसी मंडल प्रदेश में 12 वां स्थान प्राप्त किया है. जानकारी दी कि इस बार 5875 किसानों ने अपना गेहूं सरकार को बेचा. किसानों को उनकी फसल की खरीद की 6178.51 लाख की धनराशि खाते में ट्रांसफर की जा चुकी है.

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मोबाइल क्रय केंद्र की भी व्यवस्था

क्षेत्रीय खाद्य विपणन अधिकारी प्रदीप कुमार कुशवाहा ने बताया कि सरकार ने गेहूं की खरीदारी बढ़ाने के लिए इस वर्ष क्रय केंद्रों के साथ ही मोबाइल क्रय केंद्र की व्यवस्था की थी. उन्होंने बताया कि सरकार के निर्देश पर इस बार गेहूं की खरीद उनके घरों से भी की गई है. प्रदेश की योगी सरकार ने इस बार 2275 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं का समर्थन मूल्य निर्धारित किया था . यह पिछले साल की तुलना में 150 रुपये ज्यादा है. पिछली बार समर्थन मूल्य 2125 रुपये था. इस वर्ष 100 क्विंटल तक गेहूं विक्रय के लिए सत्यापन से छूट दी गई थी. गेहूं के प्रति क्विंटल 2275 रुपये के साथ ही तौल के 20 रुपये भी किसान के खाते में भेजा गया है.

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