यूपी में शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहें 10 लाख अभ्यर्थी, 4 साल से खाली हैं 52 हजार पद
उत्तर प्रदेश में शिक्षा को बुलंदी पर पहुंचाने वाला प्रदेश सरकार का स्वप्न को भी शिक्षा विभाग पानी में धुल रहा है। यूपी के शिक्षा विभाग में पिछले चार सालों से हजारों पद खाली पड़े हैं। हर साल लगभग 12 हजार शिक्षक सेवानिवृत्त होते हैं। वहीं, इस तुलना में कहीं अधिक अभ्यर्थी शिक्षक ट्रेनिंग लेकर भर्तियां निकलने का इंतजार करते हैं। लेकिन प्रदेश में शिक्षक अभ्यर्थियों का यह इंतजार काफी लंबा हो गया है। आलम यह है कि अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के चलते दबाव पड़ने पर चार साल पहले 2018 में निकली शिक्षक भर्ती के बाद भी पिछली रिक्तियों को अभी तक विभाग नहीं भर पाया है। जिसमें 68500 और 69000 सहायक शिक्षक भर्ती का मामला न्यायालय में चल रहा है। ऐसे में ट्रेनिंग लेने के बाद भी शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थियों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
7 साल तक लगातार निकली थीं भर्तियां
उत्तर प्रदेश में साल 2011, जुलाई में निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम आरटीआई लागू हुआ था। शिक्षा विभाग में आरटीआई लागू होने के बाद सात साल तक लगातार प्राइमरी की बम्पर 12 भर्तियां निकलीं थी। लेकिन ठीक सात साल के बाद यानी साल 2018 के बाद से ही शिक्षा विभाग में एक भी भर्ती नहीं निकाली गई हैं। प्रदेश में शिक्षक भर्ती का आलम कुछ ऐसा है कि साल 2018 में निकाली गई 68000 और 69000 सहायक शिक्षक भर्तियों की ही रिक्तियां विभाग नहीं भर पाया है।
4 साल से शिक्षा विभाग में सन्नाटा
यूपी शिक्षा विभाग में पिछले 4 साल से शिक्षक भर्ती पर ब्रेक लगा हुआ है। जिसके चलते साढ़े चार साल से शिक्षा विभाग में सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं रिक्तियों की बात करें तो शिक्षा विभाग में कुल 52 हजार पद रिक्त पड़े हैं। लेकिन शिक्षा विभाग इन पदों को भर पाने में चार से लाचार दिख रहा है।
2017-2018 से लटकी पड़ी हैं पुरानी भर्तियां
बता दें कि प्राथमिक स्कूलों में 1,367,517 शित्रामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट से निरस्त होने के बाद सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर ही प्रदेश सकरार ने दो चरणों में 68500 और 69000 सहायक के बाद सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर ही प्रदेश सरकार ने दो चरणों में 68500 और 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती निकाली थी। जनवरी 2018 में 68500 और दिसंबर 2018 में 69000 शिक्षक भर्ती शुरू हुई। उसके बाद से कोई भर्ती नहीं आई।
यूपी में 2011 से 2023 में शिक्षक भर्ती
साल भर्ती
नवंबर 2011 72825 भर्ती
अक्टूबर 2012 9770 भर्ती
अप्रैल 2013 10800 भर्ती
अक्टूबर 2013 10000 भर्ती
अगस्त 2013 4280 उर्दू भर्ती
जुलाई 2013 29334 भर्ती
दिसंबर 2014 15000 भर्ती
जनवरी 2016 3500 उर्दू भर्ती
जून 2016 16448 भर्ती
दिसंबर 2016 12460 भर्ती
जनवरी 2018 68500 भर्ती
दिसंबर 2018 69000 भर्ती
हर साल खाली होते हैं 12000 पद
गौरतलब है कि प्रदेश के परिषदीय स्कूलों से हर साल औसतन 12 हजार शिक्षक सेवानिवृत्त होते हैं। इससे हर साल विभाग में करीब 12 हजार से अधिक पद रिक्त होते हैं। प्रदेश सरकार ने चार साल पहले सुप्रीम कोर्ट में शिक्षकों के 52 हजार रिक्त पदों होने की बात खुद भी स्वीकार की थी।
सड़कों पर बैठे हैं भविष्य के शिक्षक
शिक्षक भर्ती ना निकलने से 10 साख से अधिक बीएड और डीएलएड बेरोजगार निराश हैं। ऐसे में शिक्षक अभ्यर्थी डिग्रियां होने के बाद भी बेरोजगारी की ओर बढ़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक व सहायक शिक्षक नहीं होने से शिक्षण कार्य भी प्रभावित हो रहा है। जिन प्रशिक्षुओं को परिषदीय स्कूलों में शिक्षण कार्य में संलग्न होना था, अब वह सड़कों पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
यूपीबीईबी का नई भर्ती निकालने का दावा
जहां एक ओर पुरानी शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थी सड़कों पर भटक रहें हैं। वहीं अब उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन बोर्ड (यूपीबीईबी ) ने 17000 सहायक शिक्षक भर्ती 2023 के पद के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगने का एलान कर दिया है। इस शिक्षक भर्ती के तहत यूपी पीआरटी प्राथमिक शिक्षक शिक्षक भारती 2023, यूपी सहायक शिक्षक भर्ती 2023 सरकारी परिणाम, यूपी 17000 सहायक प्राथमिक शिक्षक के लिए आवेदन करेंगे। मगर यहां भी विभाग का रोना वही है। विभाग की ओर से अभी केवल शिक्षक भर्ती की घोषणा ही की गई हैं। लेकिन भर्ती से जुड़ा कोई भी विवरण देने में विभाग असमर्थ है। ऐसे में अभ्यर्थियों के मन में इस आमंत्रण पर भी संदेह उत्पन्न हो रहा है। फिलहाल ये कहा जा सकता है कि यूपी शिक्षा विभाग जिस रवैये पर चल रहा है उससे शैक्षणिक कार्यों पर बुरा असर देखने को मिलेगा।
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