मोदी ने आतंकी हमले के शिकार ब्रसेल्स संग जताई सहानुभूति

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ब्रसेल्स। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रसेल्स पहुंचने के बाद बुधवार को कहा कि भारत बेल्जियम की जनता के गहरे दुख और विषाद में साझीदार है। इसका कारण है कि वह खुद अनगिनत मौकों पर आतंकी हिंसा का अनुभव कर चुका है।

बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स अब भी 22 मार्च को हुए आतंकी हमलों की दहशत से उबर रही है। मोदी ने मालबीक मैट्रो स्टेशन पर 22 मार्च को हुए आत्मघाती हमले में मारे गए लोगों को फूलमाला चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी और उन लोगों के परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट की। उनके साथ बेल्जियम के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री डिडियर रेंडर्स भी मैट्रो स्टेशन पर थे।

मोदी ने बुधवार को बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स माइकल से मुलाकात के बाद मीडिया को जारी बयान में भी बेल्जियम की जनता के दुख में साझीदार होने की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में भारत पूरे समर्थन और एकजुटता के साथ बेल्जियम की जनता के साथ खड़ा है।

मोदी ने कहा कि भारत और बेल्जियम के बीच खून का रिश्ता है। उन्होंने करीब सौ साल पहले प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत से 1.30 लाख सैनिकों के बेल्जियम आने और उनमें नौ हजार के शहीद होने का उल्लेख किया।

मोदी ने यूरोपीय संघ और बेल्जियम की संसद के चुनिंदा सदस्यों से मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्विटर पर लिखा कि “एक संसदीय शुरुआत। मोदी ने पहले दिन यूरोपीय और बेल्जियाई सांसदों के खास सदस्यों से मुलाकात की है।”

इससे पहले ब्रसेल्स हवाईअड्डे पर भारतीय समुदाय के लोगों ने मोदी के स्वागत में भारतीय ध्वज लहराए और उन्हें ऑटोग्राफ लेने के लिए घेर लिया। स्वरूप ने ट्विटर पर लिखा कि “भोर में रेड कार्पेट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ब्रसेल्स पहुंचने पर शानदार स्वागत किया गया।”

ब्रसेल्स में नेताओं से मिलने के बाद मोदी 13वें भारत-यूरोपीय संघ (ईयू) शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। बाद में वह एक समारोह में भारतीय समुदाय के लगभग 5,000 लोगों को भी संबोधित करेंगे। मोदी तीन देशों के अपने दौरे के पहले पड़ाव के तहत बेल्जियम पहुंचे हैं। वह अमेरिका और सऊदी अरब का दौरा भी करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स माइकल ने यहां बुधवार को संयुक्त रूप से भारत में स्थित एशिया के सबसे बड़े ऑप्टिकल टेलीस्कोप ‘एरीज’ को सक्रिय किया। पीएम ने कहा कि “एरीज परियोजना केवल सरकार से सरकार की पहल नहीं है। यह निजी क्षेत्रों के लिए भी फायदेमंद है।”

उन्होंने कहा कि इस परियोजना की कोई सीमा नहीं है। नैनीताल के नजदीक देवस्थल में ‘आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसिज’ (एरीज) में स्थापित यह टेलीस्कोप 3.6 मीटर का है। भारत ने बेल्जियम की कंपनी ‘एएमओएस’ की सहभागिता में इस ऑप्टिकल टेलीस्कोप का निर्माण किया है। यह एशिया में अपने तरह का पहला टेलीस्कोप है।

मोदी 31 मार्च को दो दिवसीय चौथे परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए अमेरिका रवाना होंगे। इस शिखर सम्मेलन का आयोजन अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा कर रहे हैं। वहां से लौटते समय वह दो-तीन अप्रैल को सऊदी अरब में एक द्विपक्षीय यात्रा पर रहेंगे।

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