निगेटिव खबरों पर योगी का सख्त एक्शन, अधिकारियों को जारी किए ये निर्देश

0

मीडिया में आने वाली नकारात्मक खबरों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने जांच के आदेश जारी किए है। उनका कहना है कि, मीडिया से आती नकारात्मक खबरें मीडिया की छवि को धूमिल कर रही है। इसको लेकर सीएम कार्यालय से एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि, वो मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित नकारात्मक खबरों की जांच करें और इसका ब्योरा ऑनलाइन एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली यानी आईजीआरएस पर अपलोड करें। इसके अलावा आदेश में यह भी कहा गया है कि, नकारात्मक खबरों को लेकर जिलाधिकारियों के जरिये मीडिया संस्थानों से सवाल किया जाएगा कि, गलत खबर को क्यों प्रकाशित किया गया। इसकी एक कॉपी सूचना विभाग को भी सौंपी जाएगी।

also read : सीमा हैदर की तरह बांग्लादेश से बच्चा लेकर भारत आयी सोनिया अख्तर, जानिए क्या पूरी कहानी ..

किसी घटना को तोड़-मरोड़ कर पेश करते है मीडिया संस्थान

16 अगस्त को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिब संजय प्रसाद को आदेश जारी करते हुए कहा कि, ‘नकारात्मक समाचार लेखों को एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS) पर पंजीकृत किया जाएगा और संबंधित मंडलायुक्तों, जिला मजिस्ट्रेट और विभागाध्यक्ष को कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा। इसके साथ ही आदेश में ये भी कहा गया है कि, यदि ऐसा संज्ञान में आता है कि किसी समाचार पत्र/मीडिया में किसी घटना को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है अथवा गलत तथ्यों का उल्लेख किया जा रहा है तथा राज्य सरकार अथवा जिला प्रशासन की छवि धूमिल करने का प्रयास करते हुए नकारात्मक समाचार प्रकाशित किया जा रहा है, तो उस पर संबंधित जिला मजिस्ट्रेट द्वारा संबंधित मीडिया समूह/समाचार पत्र के प्रबंधक को एक पत्र भेजा जाएगा और स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।’

also read : चंद्रमा पर उतरने के बाद क्या-क्या करेगा चंद्रयान-3? जानें यहां …

सरकार की छवि खराब करती है नकारात्मक खबरें – संजय प्रसाद

इसकी जानकारी देते हुए संजय प्रसाद ने कहा कि, ‘सूचना विभाग दैनिक समाचार पत्रों और मीडिया में प्रकाशित नकारात्मक खबरों को एकत्र करता है। उन्होंने कहा, इन नकारात्मक खबरों के तथ्यों की तुरंत जांच करना जरूरी है क्योंकि ये खबरें सरकार की छवि खराब करती हैं।प्रसाद ने कहा, ऐसे लेखों को आईजीआरएस पर दर्ज किया जाएगा और संबंधित मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों और विभागाध्यक्षों को कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा। अंतरिम रिपोर्ट को वैध नहीं माना जाएगा।’

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More