”योगी जी इन्हें आसाराम की तरह जिंदगी भर जेल में रखो”

, ब्रह्माकुमारी में दो सगी बहनों ने की आत्महत्या

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आगरा स्थित ब्रह्माकुमारी आश्रम से दो सगी बहनों द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है. इन बहनों द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में लिखी बातों ने हर किसी को हैरान कर दिया है. बताया जा रहा है कि आत्महत्या से पहले दोनों बहनों ने तीन पेज का सुसाइड नोट लिखा. पत्र में बहनों सीएम योगी से निवेदन किया है कि, ”उनकी आत्महत्या के आरोपितों को भी आसाराम बापू की तरह उम्रकैद की सजा दिलाए.” दोनों बहनों ने अपनी सुसाइड नोट में 4 लोगों को आरोपित किया है.

चार आरोपितों में दो गिरफ्तार

मृतक बहनों ने सुसाइड नोट में चारों आरोपितों पर धन हड़पने और गैरकानूनी कार्यों में शामिल होने के आरोप लगाए हैं. एसीपी खैरागढ़ के अनुसार चार आरोपितों में दो को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि दो अभी फरार हैं.

”आश्रम के लोग कर रहे थे दो साल से शोषण”

पुलिस ने इस मामले में बताया कि आठ साल पहले एकता और शिखा नामक दो सगी बहनों ने ब्रह्माकुमारी की दीक्षा लेने के बाद जगनेर स्थित ब्रह्माकुमारी केंद्र रहने लगी. इसके बाद अचानक दोनों ने आत्महत्या कर ली. इसमें 32 वर्षीय शिखा ने एक पेज तथा 38 वर्षीय एकता ने दो पेज का सुसाइड नोट लिखा. शिखा ने सुसाइड नोट में लिखा है कि दोनों बहन पिछले एक साल से परेशान हैं. उन्होंने आश्रम के नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर के आश्रम में रहने वाली एक महिला को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है.

नीरज ने दिया धोखा – एकता

एकता ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि ‘नीरज ने केंद्र में रहने का आश्वासन दिया था. लेकिन केंद्र बनने के बाद उसने बात करना बंद कर दिया. एक साल तक हम बहनें रोती रहीं, लेकिन उसने नहीं सुनी. उसका साथ उसके पिता के अलावा ग्वालियर आश्रम में रहने वाली एक महिला और ताराचंद नाम के शख्स ने भी दिया. 15 साल तक साथ रहने के बाद भी वह ग्वालियर की महिला के साथ संबंध बनाता रहा.’

‘आरोपित हैं दबंग, कोई कुछ नहीं कर सकता उनका’

सुसाइड नोट में दोनों बहनों ने एक बात लिखी है कि ‘हमारे पिता ने प्लॉट के लिए 7 लाख रुपए आश्रम से जुड़े व्यक्तियों को दिए थे. वहीं 18 लाख रुपए गरीब माताओं से लिए गए थे, जिन्हें आरोपितों ने हड़प लिया. वे लोग पैसे हड़पने के साथ-साथ महिलाओं के साथ अनैतिक काम करते हैं और दबंगई दिखाते थे. वे कहते हैं कि उनका कोई कुछ नहीं कर सकता. आरोपितों ने बहुतों के साथ गलत किया है. किसी से पैसे लिए और उसी पर केस कर दिया. एकता ने सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि उनके सुसाइड नोट को मुन्नी बहन और मृत्युंजय भाई के पास पहुंचा दिया जाए.

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मरने से पहले लिखा, ”हमारे साथ हुई है गद्दारी ”

सुसाइड नोट में बहनों ने लिखा है कि, ‘कई बहनें सुसाइड कर लेती हैं जिसे ये लोग (आरोपित) छिपा लेते हैं. हम दोनों बहनों के साथ गद्दारी हुई है. पापी नीरज सिंघल माउंट आबू स्थित मॉडर्न कंपनी में नौकरी करते हैं. ग्वालियर मोती झील वाली पूनम, इसके पिता ताराचंद और उसकी बहन का ससुर गुड्डन जो जयपुर में रहता है. हमारे साथ 15 साल से रह रहा था और झूठ बोलता रहा. हमने कोई गलती नहीं की. सेंटर बनवाने में सारा पैसा हमारा लगा है. हमसे हमेशा कहा गया कि चिंता मत करो, मैं सब संभाल लूंगा. मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सका, मेरा पिता ताराचंद वकील है. वह मुझे कुछ नहीं होने देगा.’ हमारे साथ गद्दारी हुई है .

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