कामचोर कर्मचारियों पर सख्त सीएम योगी

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योगी सरकार ने केन्द्र की तर्ज पर प्रदेश कर्मचारियों को ठीक से काम न करने पर 50 की उम्र में रिटायरमेंट करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 50 की उम्र पार कर चुके सभी प्रदेश कर्मचारियों की लिस्ट 31 जुलाई तक मंगाई है और उनके काम-काज का ब्यौरा भी मांगा है।

50 साल की उम्र पार कर चुके कर्मचारी होंगे रिटायर!

जिस किसी भी कर्मचारी की रिपोर्ट में काम-काज में लापरवाही या घूसखोरी की जानकारी मिलती है, उसको तत्काल रिटायर कर दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश के प्रधान सचिव राजीव कुमार ने गुरुवार को सभी विभागों को यह आदेश दिया कि जिन अफसरों के रिकॉर्ड में कोई समस्या मिलती है, उनको तीन महीने के भीतर अपना जवाब देना होगा। तीन महीने के अन्दर जवाब न देने या सरकार द्वारा जवाब से असंतु्ष्ट होने पर उनको रिटायर कर दिया जाएगा।

सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं कर्मचारी

इसके पहले योगी सरकार राज्य कर्मचारियों को सुबह नौ बजे दफ्तर पहुंचने का आदेश भी जारी कर चुकी है। इन ताबड़तोड़ दो फैसलों के आने से राज्य कर्मचारी वर्ग गुस्से में है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि अधिकारियों के स्तर पर इस प्रकार की स्क्रीनिंग से अराजकता की स्थिति भी पैदा हो सकती है, फिर भी सरकार इतना सख्त रुख अख्तियार कर रही है।

केंद्र सरकार की तर्ज पर योगी सरकार का फैसला

योगी सरकार का लिया गया यह फैसला केन्द्र सरकार की तर्ज पर आधारित है। जनहित में केन्द्र सरकार अब तक कई केन्द्रीय अफसरों की 50 की उम्र में छुट्टी कर चुकी है, जबकि रिटायरमेंट की उम्र 60 साल है। इस निर्णय को लेकर मोदी सरकार बहुत गंभीर कदम पहले ही उठा चुकी है। अब तक केन्द्र सरकार 30 ग्रुप ए और 99 ग्रुप बी अफसरों का रिटायरमेंट समय से पहले ही कर चुकी है।

31 जुलाई तक ब्यौरा जमा करने का आदेश

ऑर्डर में लिखा है, “मूल नियमों की सूची में 56वें नियम के अन्तर्गत, शासन 50 वर्ष से ऊपर किसी भी अफसर को तीन महीने का नोटिस देकर अपने पद से रिटायर कर सकता है।” सभी विभाग प्रमुखों से 31 मार्च तक 50 वर्ष की उम्र के सभी कर्मचारियों का ब्यौरा 31 जुलाई तक जमा करने का आदेश दिया गया है।

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