क्षय रोगियों के खातों में योगी सरकार ने पहुंचाए 200 करोड़ रुपए
- प्रदेश में बुधवार को वृहद स्तर पर मनाया जाएगा क्षय रोग दिवस
- प्रदेश में 18 मार्च से 24 मार्च तक मनाया जाएगा ‘क्षय रोग सप्ताह”
- 2025 तक क्षय रोग को भारत से समाप्त करने का संकल्प
प्रदेश में क्षय रोग पर अंकुश लगाने के लिए एक विशेष कार्ययोजना बनाकर युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। साल 2025 तक क्षय रोग को भारत से समाप्त करने के संकल्प में उत्तर प्रदेश एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। सर्वाधिक आबादी वाले उत्त्र प्रदेश में क्षय रोगियों को सरकार की स्वर्णिम योजनाओं से आर्थिक तौर पर मदद मिल रही है। प्रदेश में अप्रैल साल 2018 से शुरू हुई निक्षय पोषण योजना से प्रतिमाह 500 रुपए की सहायता राशि क्षय रोगियों को दी जा रही है। इस योजना के तहत अब तक 200 करोड़ रुपए की राशि प्रदेश के क्षय रोगियों के खातों में भेजे जा चुके हैं। ये बातें विश्व क्षय रोग दिवस की पूर्व संध्या पर लोकभवन में आयोजित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह की प्रेसवार्ता में बताई गई।
प्रदेश में एक लाख से अधिक केस नोटिफाई किए गए जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के 71 हजार और नीजि क्षेत्र के 33 हजार केस नोटिफाई किए गए। साल 2020 में कुल 3,66,514 क्षय रोगी पंजीकृत किए गए वहीं साल 2021 में अब तक 90,000 से अधिक क्षय रोगी पोर्टल पर पंजीकृत किए गए। मेरठ , गोरखपुर में नई कल्चर व ड्रग सेंसिटिविटी प्रयोगशाला की शुरूआत की गई। प्रदेश के क्षय रोगियों को उनके इलाज के लिए सहायता राशि दी जाती है जिसमें जिन क्षय रोगियों का इलाज छह माह तक चलता है उनको 1000 रुपए और 20 माह तक इलाज चलने पर 5000 रुपए की राशि दी जाती है।
क्षय रोगियों को राहत देने के लिए योगी सरकार की है तैयारी
प्रदेश के क्षय रोगियों को राहत देने के लिए योगी सरकार ने तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2025 तक क्षय रोग को प्रदेश से समाप्त करने के लिए संकल्पित हैं। उत्तर प्रदेश के पांच जिले बनारस, लखनऊ, बरेली, आगरा और गोरखपुर को पांच रीजनल टीवी प्रोग्राम मेनेजमेंट यूनिट से जोड़ा जाएगा।