yogi government के मंत्री ने मुख्तार को बताया क्रांतिकारी, गरीबों का मसीहा

हाल ही में कैबिनेट मंत्री बने सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर ने तोड़ी चुप्पी

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माफिया सरगना मुख्तार अंसारी की मौत पर कलतक बचते नजर आये योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने शनिवार को अपना मुंह खोला. उन्होंने मुख्तार अंसारी को गरीबों का मसीहा और क्रांतिकारी बताया. गौरतलब है कि ओमप्रकाश राजभर अपने बड़े अरविंद राजभर को घोसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा रहे हैं. ओपी राजभर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वह एनडीए के सहयोगी हैं और बीजेपी का रुख इस मुद्दे पर एकदम अलग है. इससे पहले शुक्रवार को ओपी राजभर मुख्तार पर कोई प्रतिक्रिया देने से बचते हुए दिखाई दिए थे.

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कहा- मुख्तार को क्रांतिकारी के अपने बयान पर कायम हूं

योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने मुख्तार अंसारी को गरीबों का मसीहा बताया है. मुख्तार अंसारी को उनके पैतृक गांव मोहम्मदबाद के कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किये जाने के बाद उनका यह बयान सामने आया. उन्होंने मुख्तार को गरीबों का मसीहा बताया और कहा कि वो क्रांतिकारी थे. मैंने उन्हें लेकर जो भी बयान दिया है उस पर कायम हूं. मुख्तार की मौत पर कहाकि यह एक दुखद घटना है और ईश्वर के आगे किसी नहीं चलती. डॉक्टरों ने मेडिकल रिपोर्ट में मुख्तार की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया है. परिवार का के आरोप पर कहाकि सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. मुख्तार को जहर देने के आरोप पर कहाकि उनके परिवार ने कोर्ट में यह बात रखी थी. अदालत ने इसका संज्ञान लिया था और इसकी जांच कराने की बात कही थी. लेकिन इसी बीच यह घटना हो गई. अदालत के आदेश पर तीन अधिकारियों को निलंबित किया गया है.

सुभासपा से विधायक है मुख्तार का बेटा

उनसे पूछा गया कि मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी उनकी सुभासपा से विधायक है. इस पर कहा कि चुनाव आयोग के पास जो आंकड़ा है उसके हिसाब से वह हमारी पार्टी में हैं. उन्होंने अब्बास अंसारी को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के कहने पर पार्टी का सिंबल दिया था. ओपी राजभर ने मुख्तार को मसीहा बताने के समर्थन में तर्क दिये. कहाकि जब भी किसी गरीब पर ज्यादती होगी और गरीब के साथ जो खड़ा दिखाई देगा तो वह गरीबों का मसीहा ही कहा जाएगा. मुख्तार अंसारी को लेकर कई लोगों के बयान आएं है कि हमारी मदद की और जान बचाई. ऐसे लोगों की मदद करनेवाले गरीबों के मसीहा होंगे ही. राजभर ने यह भी माना कि उन्होंने मुख्तार अंसारी को क्रांतिकारी कहा था और इस बयान पर वह कायम हैं.

डीएम गाजीपुर व अफजाल अंसारी में हो गई तीखी बहस

मुख्तार अंसारी के सुपुर्दे-ए-खाक किये जाने के दौरान बड़ी संख्या में लोग जनाजे में शामिल हुए थे. कालीबाग स्थित पैतृक कब्रिस्तान में शव दफन किये जाने के दौरान गाजीपुर की महिला डीएम डीएम आर्यका अखौरी और मरहूम मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी की तीखी बहस हो गई. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. डीएम ने भीड़ और भगदड़ की स्थिति को देखते हुए धारा 144 लागू होने का हवाला दिया. कहाकि बिना परमिशन इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे आ गये ? इस पर अफजाल अंसारी ने कहाकि जनाजे में मिट्टी देने के लिए कहीं भी किसी परमिशन की जरूरत नही होती. तब महिला अधिकारी ने कहाकि वह जिलाधिकारी और निर्वाचन अधिकारी भी हैं. इस पर अफजाल अंसारी ने कहाकि यह आपकी कृपा पर नही हैं. आप कुछ भी हों. दुनिया में कहीं भी किसी की मिट्टी में जाने के लिए इजाजत नहीं ली जाती है. बहस के बीच डीएम ने कहा कि सबकी वीडियोग्राफी करवाई गई है. जो भी आचार संहिता के उल्लंघन में शामिल है उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी. हम बार-बार अनाउंस भी कर रहे थे कि आदर्श आचार संहिता है तो उसके अनुरूप सबको आचरण रखना चाहिए. गौरतलब है कि जनाजे में हजारों की संख्या में समर्थक पहुंचे थे. कब्रिस्तान में अंदर जाने के लिए भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई थी. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने अंसारी परिवार के लोगों को समझाने और नियंत्रण में करने का प्रयास किया. तभी डीएम और अफजाल अंसारी में बहस हो गई.

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