योगी सरकार पर एक और गंभीर आरोप, दोषियों पर हो कार्रवाई !
जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने वाली योगी सरकार अक्सर विपक्ष की निशाने पर आ जाती है। इस बार फिर निशाने पर है और आरोप है एक विशेष जाति को लेकर पक्षपात करने का। हालांकि कुछ दिनों पहले आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी कुछ इसी तरह का आरोप लगाए थे जिसके बाद उनके खिलाफ यूपी में कई मुकदमे दर्ज हुए।
इन दिनों सोशल मीडिया (व्हाट्सएप) पर योगी सरकार पर कुछ इसी तरह का आरोप लग रहा है। आरोप है कि वर्तमान सरकार एक विशेष जाति समुदाय के पक्ष में काम कर रही है।
व्हाट्सएप पर वायरल हो रहे ये पोस्ट-
1. जौनपुर के गोपालापुर शहरी के एक मदरसे में शशिकांत सिंह और निशाकांत सिंह नाम के दो ठाकुरों की नियुक्ति सन 2000 में दिखाई गई। तब से 5 सरकारें बदलीं, किसी ने भी इनकी नियुक्ति पर वेतन भुगतान का आदेश नहीं किया। योगी सरकार आते ही इनकी नियुक्ति पर तनख्वाह जारी करने का हुक्म दे दिया गया।
2. प्रयागराज के मदरसा मिस्बाहुल उलूम सब्जी मंडी में गोंडा जिले के रहने वाले मौजूदा रजिस्ट्रार आर पी सिंह ने अपने भाई इंद्रसेन सिंह की नियुक्ति जबरन सामान्य पद को वैकल्पिक कैटेगरी का दिखाकर करा दिया।और तो और सन 2020 में अपने भाई की नौकरी का स्वयम ही अनुमोदन कर दिया।
3. बाराबंकी जिला में एक मदरसा इमदादुल उलूम जैदपुर में भी एक सामान्य पद को वैकल्पिक कटेगरी में भरने की परमिशन देकर मौजूदा रजिस्ट्रार साहब ने अपने घर के ही मेंबर मानवेंद्र बहादुर सिंह की तैनाती कराकर अपने ही अनुमोदन दे दिया।
हालांकि योगी सरकार जीरो टालरेंस की नीति पर काम कर रही है। किसी भी अधिकारी, कर्मचारी या व्यक्ति के खिलाफ लगे आरोपों की विशेष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर रही है।
बहरहाल, वायरल हो रहे इस मामले का भी संज्ञान लेकर वर्तमान योगी सरकार को पूरे मामले की गंभीरता से जांच कराकर दोषी पाए जाने वालों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए जिससे जनता के बीच जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने वाली योगी सरकार की छवि साफ सुथरी बनी रहे।
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