समाजवादी योजनाओं पर काले बादल

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उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनते ही समाजवादी सरकार की बहुत सी योजनाएं अब बंद होने की कगार पर हैं। साथ ही कई योजनाओं से समाजवादी नाम भी हट सकता है। बता दें कि 11 अप्रैल को हुई योगी सरकार के कैबिनेट की बैठक में कई ऐसे फैसले लिए गए हैं जिसके बाद अखिलेश यादव द्वारा चलाई गई कई योजनाओं पर काले बादल मंडराने लगे हैं। बैठक में एक अहम फैसला जो लिया गया वो है समाजवादी पेंशन योजना को पूरी तरीके से बंद किया जाना।

समाजवादी सरकार द्वारा बनाए गए साइकिल ट्रैक को भी तोड़ने की तैयारी हो रही है। योगी ने पिछली सरकार द्वारा संचालित समाजवादी पेंशन योजना को रोकते हुए इसके तहत पात्रता की जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान यह पता लगाया जाए कि जिन लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है, वे इसके पात्र हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ सिर्फ पात्रों को ही दिया जाए।

उन्होंने इस जांच को एक महीने में पूरा करने के निर्देश दिए। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित इस योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री पेंशन योजना करने का प्रस्ताव प्रस्तुतिकरण के दौरान दिया गया। इस योजना के तहत अति दलित जैसे-मुसहर, नट, कंजड़ आदि तथा बनटांगियां समुदाय के व्यक्तियों को शामिल करते हुए, उन्हें लाभान्वित करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।

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उन्होंने पेंशन दिवस मनाने के प्रस्ताव पर विचार करने पर सहमति जताई।मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति की पुत्रियों की शादी के लिए अनुदान योजना के तहत पात्रता के विषय में जानकारी लेते हुए कहा कि इस योजना को सामूहिक विवाह योजना के रूप में लागू किए जाने की संभावनाओं पर विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि इससे गरीब कन्याओं का दहेजरहित विवाह हो सकेगा और दहेज रूपी कुप्रथा के विरुद्ध काम करने का अवसर मिलेगा।

उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह करने पर खर्च भी कम होगा। उन्होंने कहा कि इस योजना का नाम कन्यादान योजना रखा जाए। उन्होंने ने सभी योजनाओं को भारत सरकार की योजनाओं से जोड़ने पर बल देते हुए कहा कि इससे केन्द्र सरकार से धन मिलने में आसानी होगी और इन्हें लागू करने में धन की कमी आड़े नहीं आएगी।

अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए लागू पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना की कमियों को दूर करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें व्याप्त गड़बड़ियों को दूर कर, इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। योगी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में इस योजना के संबंध में कोई शिकायत न मिले। उन्होंने इस योजना के तहत विमुक्त जातियों जैसे-भर, कोरी इत्यादि को लाभान्वित करने की स्थिति के बारे में भी जानकारी प्राप्त की।

उन्होंने सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए लागू पूर्वदशम छात्रवृत्ति की कमियों को भी दूर करते हुए प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने वर्ष 2017-18 हेतु छात्रवृत्ति मास्टर डाटा को अपडेट करने के भी निर्देश दिए।योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अत्याचार उत्पीड़न के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता देने से पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि इसका दुरुपयोग न होने पाए।

उन्होंने कहा कि पीड़ित की मदद चार्जशीट के बाद समयबद्ध ढंग से की जाए। मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों, परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्रों तथा छात्रावासों के विषय में भी विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इनका संचालन भली-भांति किया जाए और इनकी व्यवस्था दुरुस्त की जाए।

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