कश्मीर को अपनी पहचान बनाए रखनी चाहिए : राजनाथ

0

राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर समस्या का स्थायी समाधान हासिल करने पर काम कर रही है, हालांकि उन्होंने सरकार के कामकाज पर विस्तार से कुछ नहीं बताया। एक चैनल  के एक कार्यक्रम के दौरान   केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ ने कहा, “कश्मीर में हम अब जो भी कदम उठा रहे हैं, वह समस्या का स्थायी समाधान हासिल करने की दिशा में उठा रहे हैं। मैं विस्तार से नहीं बताना चाहूंगा और यह सही भी नहीं होगा। कश्मीर को अपनी पहचान बनाए रखनी चाहिए।”

राज्य सरकार का न्यूनतम साझा कार्यक्रम ‘एक प्रयोग है, जो जारी है

गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी की घटनाएं कम हुई हैं, लेकिन इसे पूरी तरह बंद होना चाहिए।गृह मंत्री ने कहा, “हम मौजूदा स्थिति से अभी संतुष्ट नहीं हैं। पत्थरबाजी को पूरी तरह बंद होना चाहिए। हमें कश्मीर के युवाओं को नौकारियां देनी होंगी।”कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठबंधन पर राजनाथ ने कहा कि राज्य सरकार का न्यूनतम साझा कार्यक्रम ‘एक प्रयोग है, जो जारी है’।

कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास पर सहमति बनी थी

उन्होंने कहा, “मैं जोर देकर कहना चाहूंगा कि राज्य सरकार आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में बाधा नहीं पहुंचा रही। मैं आतंकवाद के खात्म में राज्य की पुलिस के योगदान के लिए उनको सलाम करता हूं।”राजनाथ ने फिर से दोहराया कि केंद्र सरकार ने किसी के साथ बातचीत के दरवाजे बंद नहीं किए, यहां तक कि हुर्रियत नेताओं के साथ भी बातचीत के दरवाजे अभी भी खुले हुए हैं।कश्मीरी पंडितों को वापस कश्मीर घाटी भेजने पर राजनाथ ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद के कार्यकाल के दौरान कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास पर सहमति बनी थी।

इसे हड़बड़ी में नहीं किया जा सकता

उन्होंने कहा, “मुझे बताया गया था कि इसके लिए कुछ भूमि चिह्नित की गई है। उनके लिए अलग कॉलोनियों का निर्माण करने की बजाय एक निश्चित अनुपात में दूसरे समुदाय के लोगों को उनके साथ बसाया जाना था। केंद्र सरकार को कोई आपत्ति नहीं थी। लेकिन परिस्थितियां बद से बदतर होती गईं और इस योजना को लागू किए जाने में देर हो गई। मैं यह नहीं कह सकता कि यह एक साल या छह महीने में हो जाएगा। इसे हड़बड़ी में नहीं किया जा सकता।”

बातचीत फिर से शुरू हो सकती है

उनसे जब पूछा गया कि पाकिस्तान पर एबटाबाद में हमला कर अमेरिका ने जिस तरह अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मार गिराया, भारत उस तरह का हमला क्यों नहीं कर सकता, तो उन्होंने कहा, “मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि भारत आज कमजोर नहीं है। यह समय पर निर्भर है कि कब क्या करना है, तब हम देखेंगे।”उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत अभी बंद है, लेकिन अगर पाकिस्तान, भारत को आश्वासन दे कि आतंकवादियों को भारत पर हमले के लिए उसकी जमीन का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा, उसके बाद बातचीत फिर से शुरू हो सकती है।

सावधानीपूर्वक काम करना होता है

इसी कार्यक्रम में योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा हमला कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत में फिर से शामिल करने की बात पर राजनाथ ने कहा, “हम भी कभी-कभी ऐसा सोचते हैं। लेकिन किसी सार्वजनिक मंच से बोलने और सरकार में रहकर काम करने में बहुत बड़ा अंतर होता है। हमें सावधानीपूर्वक काम करना होता है।”

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More