कोरोना वायरस के चलते देश में 14 अप्रैल तक 21 दिनों का लॉकडाउन था। आज पीएम मोदी ने लॉकडाउन-2 की घोषणा की। भारत में अब 3 मई तक लॉकडाउन रहेगा। हालांकि जानकारों का कहना है कि लॉकडाउन अभी और बढ़ेगा।
इसका सीधा असर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा। मजदूरों ने जैसे-तैसे लॉकडाउन के 21 दिन बिता दिए, लेकिन कोरोनावायरस से संक्रमितों की संख्या घटने के बजाय बढ़ती जा रही है। ऐसे में व्यवसाय ठप रहे तो दिहाड़ी मजदूरों के सामने खाने का संकट खड़ा हो रहा है।
ऐसा रहा UP में दिहाड़ी मजूदरों का हाल-
उत्तर प्रदेश में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद अधिकतर जिलों में 23 मार्च से लॉकडाउन कर दिया गया था। उत्तर प्रदेश में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद अधिकतर जिलों में 23 मार्च से लॉकडाउन कर दिया गया था। इसके बाद से दिहाड़ी मजदूरों का पलायन शुरू हो गया था।
दिहाड़ी मजदूरों के लिए सूबे की योगी सरकार ने कई बड़ी घोषणाएं की ताकि उन्हें इस अवधि में परेशानियों का सामना न करना पड़े। इस लॉकडाउन का नतीजा यह रहा कि औद्योगिक इकाइयां ठप हो गईं। चाहे वो लखनऊ का चिकनकारी या जरदोजी काम हो या आगरा का जूता उद्योग, सब प्रभावित हुआ।
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