महिलाओं से हुई बदसलूकी, पिटाई से पैर नही कर रहे काम, आंख की रौशनी भी चली गई

सीजीएम की अदालत में मुकदमे के वादी कृष्णा पटेल ने सिलसिलेवार बताई बर्बरता की कहानी

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मोहनसराय ट्रान्सपोर्ट नगर योजना मामले में किसानों पर लाठीचार्ज, महिलाओं से बदसलूकी, घरों में तोड़फोड़ के मामले में दायर मुकदमे की सीजेएम मनीष कुमार की अदालत में सुनवाई हुई. परिवाद संख्या 111378/2023 कृष्णा प्रसाद पटेल उर्फ छेदी पटेल बनाम जय प्रकाश वगैरह के मुकदमें में वादी कृष्ण प्रसाद पटेल उर्फ छेदी पटेल ने सीआरपीसी की धारा 200 के तहत बयान दर्ज कराया. बैरवन गांव की जमीन पर भारी फोर्स के साथ प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में जमीन पर कब्जे की कार्रवाई के दौरान छेदी पटेल भी घायल हुए थे. उन्होंने अदालत में सिलसिलेवार विस्तृत बयान दर्ज कराया. वीडीए और अन्य प्रशासनिक अफसरों का नाम लेते हुए कहाकि महिलाओं के कपड़े फाड़े गये, घरों के दरवाजे तोड़े गये. जो मिला उसकी लाठियों से पिटाई की गई. उसी पिटाई का नतीजा है कि आज मेरे पैर ठीक से काम नही कर रहे. आंख की रौशनी चली गई. बयान दर्ज कराते समय छेदी पटेल भावुक हो गये, जिन्हें अधिवक्ताओं ने सम्भाला. इस अदालती कार्रवाई के बाद किसान इस बात से खुश दिखाई दिये कि अदालत ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना. इससे उनमें न्याय की उम्मीद जगी है.

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दो दशक से चार गांवों के किसान कर रहे थे विरोध

आपको बता दें कि मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना को लेकर 4 गांवों के किसान 21 साल से आंदोलन कर रहे हैं. धरना-प्रदर्शन, महापंचायतों के जरिए किसान अपनी जमीन बचाने की लड़ाई लडते आ़ रहे हैं. किसानों और वीडीए के अफसरों के बीच कई राउंड की वार्ता हुई. लेकिन दोनों पक्ष अपनी-अपनी बातों पर अड़े रहे और आज तक सर्वमान्य सहमति नहीं बन पाई. इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में मामला लंबित है. सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की गई है. किसानों को कहना है कि प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार नहीं किया और मनमाने ढंग से जमीन पर कब्जे के लिए बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया. किसानों ने अपनी जमीन बचाने के लिए यथाशक्ति विरोध किया तो लाठीचार्ज हुआ.

हाईकोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले हुआ बल प्रयोग

उधर, अदालत में भुक्तभोगी कृष्णा प्रसाद उर्फ छेदी ने अदालत को बताया कि ट्रासपोर्ट नगर के लिए वर्ष 2003 में अधिगृहण को हाइकोर्ट में चुनौती दी गयी थी.17 मई 2023को सुनवाई होनी थी कि 16 मई को लाठीचार्ज व बल प्रयोग किया गया. इसमें कई लोगों को चोटें आईं. वादी मुकदमा ने सीजीएम को बताया कि वीडीए के जेई जय प्रकाश गुप्ता, उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल, अमीन विवेक पाठक, लेखपाल सूरज, चौकी इंचार्ज हरिकेश सिंह, एसडीएम राजातालाब गिरिश द्विवेदी, एडीसीपी मनीष शांडिल्य के सामने औरतों के कपड़े फाड़े गये. मेरी भी पिटाई हुई जिसके चलते मेरा पैर काम नही कर रहा, आंख की रौशनी चली गयी है. बैरवन में मानवाधिकार का हनन हुआ है. इसलिए विपक्षीगण के खिलाफ कार्यवाही की जाय. किसानों के घरो का दरवाजा तोड़कर बहन, बेटियों के कपड़े फाड़े गये. उन्होंने लूटपाट का भी आरोप लगाया. कहाकि प्रशासन को न्यायालय के आदेश का इंतजार करना चाहिए था. जबकि उक्त प्रकरण में उच्च न्यायालय इलाहाबाद में 17 मई 2023 को सीआरपीसी की धारा 340 के तहत सुनवाई निर्धारित थी. उसके ठीक एक दिन पहले 16 मई को प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में बर्बर लाठीचार्ज करना घोर अन्याय है. इस दौरान सीजीएम मनीष कुमार ने वादी के परिवाद के एक एक विन्दु पर विस्तृत सवाल किया और बयान दर्ज किया. इस दौरान वादी के अधिवक्ता गोपाल कृष्ण, नित्यानंद राय, विनय शंकर राय, पंकज श्रीवास्तव, पंकज राय, फराज अहमद सिद्दीकी, अजय अग्रहरी, अरविंद यादव, शशिकांत पाण्डेय, देवेन्द्र यादव आदि रहे.

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