राजभवन के सामने महिला का प्रसव, अव्यवस्था ने ली शिशु की जान
उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किए गए प्रदेश सरकार के सभी दावों की रविवार को पोल खुल गई। जब आज सुबह राजभवन के सामने एक गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा हुई। गर्भवती रिक्शा से अस्पताल के लिए जा रही थी, तभी रास्ते में ही उसे तेज दर्द हुआ। असहनीय पीड़ा होने पर राहगीरों ने गर्भवती महिला का रोड के किनारे ही प्रसव करा दिया। व्यवस्था के अभाव में महिला के जन्मे शिशु की मौत हो गई। इस पूरे मामले में अब प्रशासन लीपापोती करने में जुट गया है।
गर्भवती ने सड़क पर दिया शिशु को जन्म
दरसल, रविवार को राजभवन के पास गर्भवती महिला ने सड़क पर बच्चे को जन्म दिया। गर्भवती महिला रिक्शे से अस्पताल जा रही थी। अचानक से उसके पेट में दर्द बढ़ गया और सड़क से गुजर रही महिलाओं ने प्रसव कराया। इस दौरान महिला को अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा।
अव्यवस्था ने ली शिशु की जान
गर्भवती महिला का प्रसव कराने के लिए महिलाओं ने गर्भवती की साड़ी से पर्दा बनाया और महिला का प्रसव कराया। इसी समय इलाज के लिए अस्पताल में कॉल की गई, मगर आधा घंटा बीत जाने के बाद भी कोई एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। जिससे जन्मे शिशु को चिकित्सीय व्यवस्था ना मिलने से शिशु की मौत हो गई। शिशु की मौत होने का दावा विपक्षी पार्टियों की ओर से किया गया है। समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव ने इस घटना को प्रदेश के लिए शर्मनाक बताया।
राहगीर महिलाओं ने की थी मदद
लोगों ने बताया कि महिला रिक्शे से अस्पताल जा रही थी कि तभी उसके पेट में भयानक दर्द बढ़ गया और वो चिल्लाने लगी। रिक्शे वाले ने जल्द से किनारे अपनी रिक्शा लगाया और महिला को सभी के सहयोग से राजभवन की दिवार के किनारे लिटाया गया। तब तक सड़क पर चलने वाली महिलाओं ने पीड़ित महिला की सहायता शुरू कर दी। इसके बाद महिला ने शिशु को जन्म दे दिया।
वेंटिलेटर पर है स्वास्थ्य व्यवस्था
फ़िलहाल इस घटना ने राजधानी के साथ पूरे प्रदेश की.स्वास्थ्य व्यवस्था के विषय में सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था अपने लाख विज्ञापनों व दावों के बावजूद वेंटिलेटर पर है। अस्पतालों में दस कॉल के बाद भी एम्बुलेंस नहीं मिलती है। आलम यह है कि अस्पतालों पहुँचने पर भी तिमारदार को काफी चक्कर काटने पड़ते हैं।
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