श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के पास ललिता घाट पर शुक्रवार को अजीबोगरीब मामला देखने को मिला. घाट पर बैठकर गिटार बजाते हुए फिल्मी गाना गाते देख एक महिला युवक पर भड़क गई. महिला का कहना था कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के पास भक्तिमय वातावारण होना चाहिए तो यहां फिल्मी गाने गाकर यहां का माहौल खराब किया जा रहा है. आखिरकार किसी तरह महिला भला-बुरा कहते हुए चली गई.
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दरअसल महिला डिब्बे में गंगाजल और कलश लेकर आ रही थी. उसने ललिता घाट पर बैठे युवक को गिटार बजाते हुए फिल्मी गाना गाते देखा. आसपास बैठकर कुछ लोग उसके गाने को सुन रहे थे. उसे फिल्मी गाना गाते देख महिला अचानक भड़क गई और चिल्लाना शुरू कर दिया. यह देख वहां मौजूद लोग भी हक्के-बक्के रह गये. विवाद की स्थिति देख पुलिस भी वहां पहुंच गई. आखिरकार युवक को फिल्मी गाना गाना से रोकना पड़ा.
जानिए महिला ने क्या कहा
महिला ने तेज आवाज में युवक को डांटना शुरू कर दिया. कहा कि ऐसी धार्मिक जगह पर ऐसे फिल्मी गाने गाकर तुमने माहौल को गंदा कर दिया है. आपे से बाहर हो चुकी महिला का कहना था कि तम्हारे जैसे लोगों पर थूकना चाहिए. साथ ही वहां मौजूद लोगों से कहाकि “आप लोग यहां बैठकर यही सुन रहे हो, ऐसी चीजों पर तुरंत रोक लगनी चाहिए.
कौन सा गाना सुन भड़की महिला
ललिता घाट पर बैठा युवक गिटार बजाते हुए इमरान हासमी का प्रसिद्ध गाना ’वो लम्हे वो बातें’ गा रहा था. तभी महिला अचानक उस पर भड़क गई. और जोर जोर से उसपर चिल्लाने लगी, बोलने लगी कि काशी विश्वनाथ धाम जैसे पवित्र स्थल पर तुम ऐसा गाना गा रहे हो. यहां तुम्हे भजन और गंगा आरती गानी चाहिए. तुम यह गाना गाकर यहां का माहौल खराब कर रहे हो. हालांकि महिला के तेवर को देखते हुए गाना गा रहे युवक ने समझदारी दिखाई और शांत रहना बेहतर समझा. इससे बात आगे नहीं बढ सकी.
क्यों प्रसिद्ध है काशी का ललिता घाट
काशी में ललिता घाट एक अलग तरह का घाट है. वाराणसी में भारतीय शासकों द्वारा बनाए गए अन्य घाटों के विपरीत इसे 19वीं शताब्दी में नेपाल के राजा राणा बहादुर शाह ने बनवाया था. यह घाट दो मंदिरों, नेपाली मंदिर और ललिता गौरी मंदिर का घर है. इनमें नेपाली मंदिर प्रमुख पर्यटक आकर्षण है. यह न केवल सबसे पुराने मंदिरों में से एक है, बल्कि जिस लकड़ी से इसका निर्माण किया गया है, वह दीमक मुक्त मानी जाती है. घाट का नाम देवी ललिता के नाम पर रखा गया है, जो हिंदू धर्म में दस देवी-देवताओं के समूह का एक हिस्सा हैं. इन्हें दस-महाविद्या या महाविद्या कहा जाता है. उन्हें देवी आदि शक्ति का सर्वोच्च रूप भी माना जाता है. घाट का इतिहास मंदिर की वास्तुकला जितना ही आकर्षक है.