धनतेरस 2022: इस पर्व में क्यों होती है सोने-चांदी की खरीदारी, पौराणिक कथा में जानें
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. उसके अगले दिन दिवाली का पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष दिवाली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी. दिवाली से पहले धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष धनतेरस 22 और 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा. धनतेरस 22 अक्टूबर दिन शनिवार की शाम 06:02 बजे से शुरू होकर 23 अक्टूबर रविवार की शाम 06:03 बजे तक मान्य होगा.
धार्मिक मान्यताओं में समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि त्रियोदशी तिथि को हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे. धनतेरस को धनत्रयोदशी भी कहते हैं. धनतेरस के दिन लोग बहुत सारी खरीदारी करते हैं. इस दिन सोने व चांदी के आभूषण खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. धनतेरस के दिन लक्ष्मी चालीसा, कुबेर यंत्र और कुबेर स्रोत का पाठ करने से धन के स्वामी भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है.
पौराणिक कथा…
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हीमा नाम का एक बेहद लोकप्रिय राजा था. ज्योतिषाचार्य ने राजा की कुंडली देखकर बताया कि राजा की मृत्यु सर्प दंश से होगी. ज्योतिषाचार्य की भविष्यवाणी सुनकर राजा की पत्नी बहुत भयभीत हो गई और अपने पति के प्राणों की रक्षा के लिए उन्होंने अपने सभी सोने व चांदी के आभूषण, एक बर्तन में रखकर कमरे की दहलीज पर रख दिया और उसके पास तेल का दीपक जला दिया.
मृत्यु के देवता यम रात्रि में सर्प का रूप धारण कर राजा के प्राणों को हरने के लिए आएं. चमकते गहने और दीए की रोशनी से सर्प अंधा हो गया और कमरे के भीतर प्रवेश न कर सका. गहनों की चमक के कारण सर्प, राजा को काटे बगैर वापस लौट गया. इस तरह अपनी बुद्धिमत्ता और साहस से रानी ने राजा के प्राणों बाकी रक्षा कर लीं.
बता दें इस वर्ष दिवाली के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लग रहा है. जो भारतीय समयानुसार दोपहर 02:28 बजे से शाम 06:32 बजे तक रहेगा. सूर्य ग्रहण लगभग 4 घंटे का है और यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा. सूर्य ग्रहण के समय सूतक काल लग जाता है और इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य या पूजा-पाठ नहीं किया जाता है. बताया जा रहा है कि इस वर्ष का यह आखिरी सूर्य ग्रहण है.
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