नई दिल्ली: देश में सर्दी का मौसम आते ही राजधानी दिल्ली की हवा ख़राब होने लगती है. सामान्य दिनों की तुलना में सर्दी के दिनों में दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है और यह कोई सामान्य नहीं रहता बल्कि इतना बढ़ जाता है कि लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है.
मौजूदा समय में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली कि हवा सामान्य दिनों से पांच गुना ज्यादा प्रदूषित है. आपको बता दें कि प्रदूषण कण पीएम 10 का स्तर हवा में 100 से कम होने और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है. मौजूदा समय में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का पीएम 10 में हवा का स्तर 475 और पीएम 2.5 का स्तर 390 पर पहुँच गया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि पीएम 10 का स्तर 500 और पीएम 2.5 का स्तर 300 से अधिक होता है तो उसे आपातकालीन स्तर माना जाता है.
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष प्रदूषण
आपको बता दें कि दिल्ली में पिछले वर्ष कि तुलना में इस वर्ष प्रदूषण का स्तर काम रहा है. दिल्ली में इस वर्ष जनवरी से लेकर सितम्बर तक प्रदूषण का स्तर निचे रहा है जबकि अक्टूबर के मध्य में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के चलते नवंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली कि दम घोंटु हवा अब जलरीली होने लगी है. कहा जा रहा है की उत्तरी- पश्चिमी हवा के चलते इसकी हवा और ज्यादा जहरीली हुई है जिसके चलते पिछले तीन दिन दिल्लीवासियों के सबसे ज्यादा ख़राब बीते है.
दिल्ली में हर साल क्यों बढ़ता है प्रदूषण
गौरतलब है कि भारत की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के एरिया में हर साल पॉल्यूशन का लेवल बढ़ जाता है. पॉल्यूशन लेवल बढ़ने के पीछे का कारण गाड़ी से निकलने वाला प्रदूषण, फैक्टरी से निकलने वाला प्रदूषण, फसल जलाना और मौसम से जुड़ी समस्या का कारण बनती है. कई साल से नॉर्थ इंडिया में रहने वाले लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. हरियाणा और पंजाब राज्यों के कृषि क्षेत्रों में पराली जलाने से निकलने वाला धुआं, साथ ही वाहनों और उद्योगों से निकलने वाला धुआं, शहर को घेर लेता है क्योंकि कम तापमान और धीमी गति से चलने वाली हवाएं हवा में प्रदूषकों को फंसा देती हैं.
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का बयान
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का ब्यान सामने आया है जिसमे उन्होंने कहा की राजधानी से सटे राज्यों में पराली जलाने और वाहनों से निकलने वाले धुंवा के चलते प्रदूषण बढ़ जाता है. बोर्ड ने बताया कि दिल्ली में पिछले दिन वायु गुणवत्ता स्तर 475 रहा है. इस स्तर को अत्यधिक गंभीर श्रेणी में रखा जाता है. जिसके चलते दिल्ली में स्मोग कि एक मोती चादर छाई हुई है, वहीँ इसके कारण दृश्यता स्तर प्रभावित हुआ है.
By – Anurag Sachan