स्वतंत्रता दिवस पर महेंद्र सिंह धोनी ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा की। इसके लिए उन्होंने इंस्टाग्राम का सहारा लिया। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया। इसमें उनके करियर के खास लम्हे थे।
बैकग्राउंड में ‘मैं पल दो पल का शायर हूं’ गीत बज रहा था। इस वीडियो के साथ शेयर किए गए कैप्शन ने भारतीय क्रिकेट और क्रिकेट फैंस में हलचल मचा दी।
धोनी के इस पोस्ट पर लिखा था- ‘इस सफर के लिए आपके प्यार और समर्थन के लिए बहुत शुक्रिया। आज 1929 (शाम सात बजकर 29 मिनट) से मुझे रिटायर समझा जाए।’
धोनी ऐसे खिलाड़ी है जिनसे शायद ही कोई नापसंद करता हो। उनके ये चंद अल्फाज बहुत कुछ कह गये। सभी के जेहन में एक ही सवाल उठा कि आखिर धोनी ने 1929 का वक्त ही क्यों चुना?
क्या ये थी असली वजह?-
धोनी को लोगों को हैरान करने की आदत है। अपने करियर में उन्होंने कई बार ऐसा किया है। पर उन्होंने अपने करियर का अंत भी इस ‘रहस्यमय’ वक्त के साथ क्यों किया।
महेंद्र सिंह धोनी के करीबियों ने बारे में बताया है। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त को भारत में अंतिम सूर्यास्त रात 1929 पर हुआ। गुजरात स्थित भारत के सबसे पश्चिमी इलाके- गुहार मोटी (जिसे कई बार गौहर मोटा) में सूरज 1929 पर डूबा।
एक करीबी सूत्र ने कहा, ‘महेंद्र सिंह धोनी अपने करियर को एक सामांनतर अंत देना चाहते थे। वह सूर्यास्त में चले जाने के समान लकीर खींचना चाहते थे। यह बहुत सोच-समझकर लिया गया फैसला था। जिस तरह उन्होंने वक्त लिखा- 1929 hrs- यह समय लिखने का सेना का तरीका है। यह सेना के लिए उनके प्यार को दिखाता है। वह चीजों को ऐसे ही करते हैं।’
वह सेना में रहे हैं जहां एक-एक मिनट कीमती हैं।
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