कौन हैं संतोख सिंह चौधरी, जिनका भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हुआ निधन

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जालंधर से कांग्रेस सांसद संतोख सिंह चौधरी का शनिवार को निधन हो गया। वे पार्टी के नेता राहुल गांधी साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल थे. चौधरी जालंधर जिले के फिल्लौर इलाके से यात्रा में शामिल हो रहे थे जो उनके लोकसभा क्षेत्र में आता है. इसी दौरान फगवाड़ा के नजदीक भाटिया गांव के पास उन्हें हार्ट अटैक आया। चौधरी को अस्पताल ले जाया गया जहां उनका देहांत हो गया। चौधरी के देहांत के बाद भारत जोड़ो यात्रा रोक दी गई। चौधरी 76 साल के थे।

संतोख चौधरी दोआबा के बड़े दलित नेता थे। वे दूसरी बार सांसद बने थे। संतोख चौधरी पंजाब में मंत्री रह चुके थे। वे पंजाब के पहले शिक्षामंत्री मास्टर गुरबंता सिंह के बेटे थे। उनके बेटे विक्रमजीत सिंह चौधरी फिल्लौर के विधायक हैं।

राजनैतिक सफर…

-चौधरी 2014 में अकाली दल के पवन कुमार टीनू को हराने के बाद 16 वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे। साल 2004 से लेकर 2010 तक वे पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष रहे। 2002 में कांग्रेस सरकार के दौरान वे सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास, समाज कल्याण, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग के मंत्री रहे। 2002 में वे फिल्लौर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीते। उन्होंने अकाली दल के सरवन सिंह को हराया था।

-जालंधर (2014 और 2019) से दो बार के सांसद चौधरी ने दो लोकसभा चुनाव और पांच विधानसभा चुनाव सहित सात चुनाव लड़े। वह 1992, 1997, 2002, 2007 और 2012 में विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में थे और तीन बार जीते। वह 1992 और 2002 में बनी कांग्रेस सरकारों में मंत्री थे।

समृद्ध राजनीतिक विरासत वाला परिवार…

-एक लंबी और समृद्ध राजनीतिक विरासत वाले परिवार से संबंध रखने वाले चौधरी पंजाब के पूर्व कृषि मंत्री मास्टर गुरबंता सिंह के बेटे और पूर्व स्थानीय सरकार मंत्री चौधरी जगजीत सिंह के भाई थे। उनके बेटे विक्रमजीत सिंह चौधरी पंजाब विधानसभा में परिवार के 16वें प्रतिनिधि हैं, जो राज्य की 16वीं विधानसभा भी है।

-मास्टर गुरबंता सिंह सात बार के विधायक थे और आखिरी बार 1972 में चुनाव जीते थे जब वे निर्विरोध चुने गए थे। चौधरी जगजीत सिंह पांच बार विधायक रहे, जबकि संतोख सिंह चौधरी तीन बार जीते और जगजीत के बेटे चौधरी सुरिंदर सिंह एक बार विधानसभा के लिए चुने गए।

तीन महीने तक रहे जेल में…

चौधरी ने अपने राजनैतिक करियर में तीन बार जेल काटी है. जब पंजाब आतंकवाद के काले दौर से गुजर रहा था और कई कांग्रेसी विदेश शिफ्ट होने लगे थे, तब चौधरी ने ही पार्टी का झंडा बुलंद रखा था. सदन में सबसे ज्यादा उपस्थिति वाले सांसदों में चौधरी संतोख का नाम आता है. अपने इलाके के छोटे-बड़े मुद्दे उठाने से वो चूकते नहीं थे. संतोख सिंह दो बार विधायक व मंत्री रहे और फिर 2014 में जालंधर से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. 2019 में एक बार फिर वो सांसद चुने गए थे. उनके निधन के बाद यह सीट खाली हो गई है.

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