दुबईः दुबई स्थित क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज बायबिट को साइबर जालसाजों ने निशाना बनाते हुए करीब 1.5 अरब डॉलर (13 हजार करोड़ रुपये) मूल्य की इथीरियम चुरा ली. इसे अब तक की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरंसी चोरी बताया जा रहा है.
ट्रांसफर के दौरान हुआ साइबर अटैक
रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब फंड को ‘कोल्ड वॉलेट’ से दैनिक लेनदेन के लिए उपयोग होने वाले ‘वॉर्म वॉलेट’ में ट्रांसफर किया जा रहा था. इसी प्रक्रिया के दौरान हैकर ने हस्तक्षेप कर लगभग 4.01 लाख इथीरियम एक अज्ञात वॉलेट में ट्रांसफर कर लिए. इस घटना के बाद इथीरियम की कीमत में 4% की गिरावट दर्ज की गई है.
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सीईओ का आश्वासन: धनराशि है सुरक्षित
बायबिट के सीईओ बेन झोउ ने ग्राहकों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि उनकी धनराशि पूरी तरह सुरक्षित है. कंपनी के पास अब भी 20 अरब डॉलर मौजूद हैं, जिससे इस नुकसान की भरपाई की जा सकेगी.
इनाम की घोषणा: हैकर्स को भी मिलेगा मौका
चोरी किए गए फंड की वसूली के लिए बायबिट ने ब्लॉकचेन फोरेंसिक विशेषज्ञों से सहयोग मांगा है. इसके अलावा, कंपनी ने इस काम में मदद करने वाले हैकर को कुल चोरी की राशि का 10% इनाम देने की भी घोषणा की है.
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पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
क्रिप्टोकरंसी की बढ़ती लोकप्रियता के साथ इससे जुड़ी साइबर चोरी और हैकिंग की घटनाएं भी तेजी से बढ़ी हैं.
2022: साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन गेम Axie Infinity के रोनिन नेटवर्क एक्सचेंज से 62 करोड़ डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरंसी चुरा ली थी.
2018: जापानी एक्सचेंज Coincheck से भी लगभग 53 करोड़ डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरंसी चोरी की गई थी.
2014: टोक्यो स्थित MT. Gox एक्सचेंज को हैक कर 47 करोड़ डॉलर मूल्य की बिटकॉइन चुरा ली गई थी, जिससे यह एक्सचेंज दिवालिया हो गया था.
क्या है क्रिप्टोकरंसी?
क्रिप्टोकरंसी एक वर्चुअल करेंसी है, जिसका उपयोग ऑनलाइन लेनदेन के लिए किया जाता है. यह किसी सरकार या बैंक के नियंत्रण में नहीं होती बल्कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होती है, जिससे इसे हैक करना कठिन होता है. बिटकॉइन के बाद इथीरियम दुनिया की दूसरी सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरंसी है.
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भारत में क्रिप्टोकरंसी की स्थिति
भारत में भी क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज CoinSwitch की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, देश में दो करोड़ से अधिक लोग क्रिप्टोकरंसी में निवेश कर रहे हैं. हालांकि, साइबर चोरी और हैकिंग जैसी घटनाओं के कारण निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है.