मौत का कुआं बन चुका है’ ब्लू व्हेल गेम’
ब्लू व्हेल गेम किसी मौत के कुएं से कम नहीं है। जो भी इस गेम के संपर्क में आता है उसको आपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। इस गेम में टास्क दिया जाता है और इसे रात 2 बजे के बाद पूरा करना होता है। युवक ने अपने भयावह अनुभव को साझा किया बताते है कि पहले कुछ दिनों तक निजी जानकारियां और फोटोज भेजने के लिए कहा जाता है।
read more : कोहली, पांडे के अर्धशतक, भारत शानदार जीत
ये सब दिमागी रूप से कमजोर करने की कोशिश
अगले दिन मुझसे कहा कि रात को पास के किसी कब्रिस्तान में जाकर सेल्फी लो और इसे ऑनलाइन पोस्ट करो। फिर मुझे अकेले में डरावनी फिल्में देखने के लिए कहा गया। ये सब डर दूर करने के लिए कराया जाता है। कुछ दिन बाद लोगों को घर पर नहीं लाने और कमरे में खुद को कैद करने लेने के लिए बोला गया। ये सब दिमागी रूप से कमजोर करने की कोशिश थी। मैंने गेम बीच में छोड़ने का फैसला कर लिया, क्योंकि मैं ये सब नहीं कर सकता था।
read more : ताकि कोई उनके जैसा अनपढ़ न रह जाए…
अलेक्जेंडर को मंगुलिवा को पुलिस ने बचाया
करीब दो हफ्ते बाद ही मेरे भाई के हावभाव में भी इसी तरह का बदलाव देखने को मिला। इसके बाद मैंने रात 4 बजे पुलिस को कॉल कर मदद मांगी। तब वह कमरे में चाकू से अपने हाथ पर ब्लू वेल की इमेज बना रहा था।तमिलनाडु के कराईकल जिले में घातक ब्लू वेल गेम से बचाए गए 22 साल के युवक ने अपने भयावह अनुभव को साझा किया है। उसने युवाओं से किसी भी हाल में इस गेम को नहीं खेलने की अपील की है। जिले के नेरावी निवासी अलेक्जेंडर को मंगुलिवा को पुलिस ने बचाया था।
read more : चाहते है अच्छी सेहत तो जरुर पढे़….
डाउनलोड होने वाला कोई ऐप या गेम नहीं है
उसने कहा कि यह एक मौत का वर्चुअल जाल है। इससे जुड़ना आपके लिए जिंदगी का खतरनाक एक्सपीरियंस साबित हो सकता है। सिर्फ गेम का लिंक भेजा जाता है। एलेक्जेंडर ने बताया, गेम खेलने के लिए मुझे एक वॉट्सऐप ग्रुप में लिंक भेजा गया। इस ग्रुप में मेरे कई साथी जुड़े थे। दो हफ्ते बाद मैंने ऑनलाइन गेम खेलना शुरू कर दिया। यह डाउनलोड होने वाला कोई ऐप या गेम नहीं है, बल्कि इसका सिर्फ एक लिंक ब्लू वेल एडमिन की ओर से यूजर को भेजा जाता है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)