कुली, बढ़ई और बस कंडक्टर से लेकर सुपरस्टार तक का सफर

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जब उनकी फिल्में रिलीज होती हैं तो त्योहार जैसा माहौल हो जाता है। फिल्म रिलीज के दिन को छुट्टी का दिन घोषित कर दिया जाता है। तस्वीरों को दूध से नहलाया जाता है। लोग उन्हें सुपरस्टार कहते हैं। कुछ भगवान मानते हैं। वह रजनीकांत हैं, जिनका क्रेज गजब का है। उनका असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है।

कुली तक का काम किया ताकि फैमिली को सपोर्ट कर सकें

उनकी इमेज बेशक भगवान और सुपरमैन जैसी है, लेकिन उनकी जिंदगी की असली कहानी परीकथा से एकदम उलट है। आज ही के दिन यानी 12 दिसंबर 1950 को एक मराठी परिवार में उनका जन्म हुआ। उनके जीवन के अब तक के सफर पर एक नजर चार भाई-बहनों में रजनीकांत सबसे छोटे हैं। बचपन में ही मां का निधन हो गया। घर की हालत अच्छी नहीं थी, इसलिए कई छोटे-मोटे काम करने पड़े। उन्होंने कारपेंटर से लेकर कुली तक का काम किया ताकि फैमिली को सपोर्ट कर सकें।

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हालांकि इस सबके बीच उनका झुकाव सिनेमा की तरफ बना रहा। वह अक्सर स्कूल प्ले में हिस्सा लेते थे। यहीं से उन्होंने अपनी एक्टिंग का हुनर संवारा। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद रजनीकांत ने बेंगलुरु ट्रांसपोर्ट सर्विस में बतौर बस कंडक्टर काम करना शुरू कर दिया। साथ ही कन्नड़ रंगमंच से भी जुड़ गए। 1973 में वह मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट से जुड़े। तभी वह फिल्म डायरेक्टर के. बालचंद्रन के संपर्क में आए। हालांकि वह उस वक्त रजनीकांत से ज्यादा प्रभावित नहीं हुए थे। 1975 में रजनीकांत और के. बालंचद्रन की फिर मुलाकात हुई। तब बालचंद्रन ने उन्हें छोटा रोल ऑफर किया।

…लेकिन मैं कहूंगा कि इस रजनीकांत को मैंने नहीं बनाया

उन्हें पहली सफलता मिली फिल्म भैरवी से, इसमें वह मुख्य भूमिका में थे। इसके बाद वो समय भी आया जब रजनीकांत के बारे में के. बालचंद्रन ने कहा- वो मुझे अपना स्कूल मानता है, लेकिन मैं कहूंगा कि इस रजनीकांत को मैंने नहीं बनाया, उसने समय के साथ खुद को निखारा है। सन् 1975 के बाद रजनीकांत ने कई सुपरहिट फिल्में दीं। थलापति (1991), अन्नामलाई (1992), बाशा (1995) और पदायाप्पा (1999) उनकी कुछ बेहद सफल फिल्में हैं।

अब तक की सबसे महंगी फिल्म बताया जा रहा है

इन फिल्मों के बाद वह सिर्फ एक्टर नहीं रहे, आइकन बन गए। उनकी फिल्मों और डायलॉग्स को छह साल के बच्चों से लेकर 60 साल तक के बुजुर्ग तक सभी इंज्वॉय करने लगे। 2000 में उन्हें पद्मभूषण पुरस्कार से नवाजा गया। इसके बाद साल 2007 में उनकी फिल्म शिवाजी आई। फिर साल 2010 में रोबोट, दोनों ही फिल्में ब्लॉकबस्टर हिट रहीं। अब अगले साल उनकी फिल्म 2.0 रिलीज होने वाली है, जिसे इंडियन सिनेमा की अब तक की सबसे महंगी फिल्म बताया जा रहा है।

(साभार- न्यूज 18)

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