सरकार ने शुक्रवार को कहा कि हाल में खराब मौसम के कारण गेहूं के उत्पादन में 10 से 20 लाख टन तक की कमी आने की आशंका है लेकिन रकबा अधिक होने और ज्यादा उपज के कारण कुल उत्पादन चालू वर्ष में रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन तक पहुंच जाएगा. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकार की गेहूं खरीद चल रही है और अब तक लगभग सात लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है. यह एक साल पहले की समान अवधि में दो लाख टन की हुई खरीद से कहीं अधिक है.
सरकार में अनुमान लगाया था कि इस वर्ष लगभग 112 मेट्रिक टन गेंहू का उत्पादन होगा. हाल ही में रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा कमीशन और एग्रीवॉच द्वारा किए गए एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया कि बेमौसम बारिश के होने से 103 मीट्रिक टन उपज होने का अनुमान लगाया हैं. मीडिया एजेंसी से बात करते हुए एग्रीवॉच में डायरेक्टर कंसल्टिंग और जीआईएस सर्विस नलिन रावल ने कहा कि इस साल का उत्पादन पिछले साल से ज्यादा होगा और रकबा भी बढ़ा है. हालांकि उम्मीद थी कि इस बार गेहूं उत्पादन 104 मीट्रिक टन से अधिक होगी, लेकिन प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के हालिया दौर के प्रभाव का सर्वेक्षण करने के बाद अनुमान में बदलाव करना पड़ा है.
3-5 फीसदी बढ़ा गेंहू का रकबा…
पहली सामान्य बात यह है कि गेहूं के रकबे में 3-5 फीसदी की वृद्धि हुई है, दूसरी समानता बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से लगभग 10-20 लाख टन उत्पादन का नुकसान होने के संदर्भ में है. तीसरी, समान बात यह है कि दोनों अनुमानों में पिछले साल के मुकाबले 50-55 लाख टन अतिरिक्त उत्पादन होने का अनुमान है. उन्होंने कहा, ‘‘उत्पादन पिछले साल के सरकारी अनुमान से 50-55 लाख टन अधिक होगा.’’ इसका मतलब है कि कुल गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के लिए निर्धारित रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन के स्तर पर पहुंच जाएगा और इस स्तर को भी पार कर सकता है.
देश को गेंहू की कमी नहीं…
इस कार्यक्रम में बोलते हुए, भारतीय खाद्य निगम के सीएमडी अशोक के मीणा ने कहा कि उन्होंने पिछले साल की इसी अवधि के बमुश्किल 2 लाख टन की तुलना में अब तक लगभग 7 लाख टन गेहूं की खरीद की है. सरकार ने एमएसपी पर किसानों से 34.2 मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा, ‘यह हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है – सरकार और निजी क्षेत्र – यह सुनिश्चित करने के लिए कि मिलकर काम करें कि वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद गेहूं और आटे की कीमतें स्थिर रहें. उच्च उत्पादन अनुमानों के लिए भी हमारे पास समर्थन है.’ सरकारी अधिकारियों ने कहा कि हाल ही में हुई बारिश की वजह से चमक कम होने की समस्या है, जिसे सरकार दूर कर रही है. उन्होंने कहा कि हालांकि यह उनकी व्यापारिकता को प्रभावित करता है, इसमें कोई कमी नहीं है.
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