क्या है गैंगस्टर एक्ट, जिसमे मुख्तार अंसारी को मिली सजा

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वाराणसी: गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में बांदा जेल में बंद माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा और 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इससे पहले भी मुख़्तार अंसारी को एक अन्य केस में 10 साल की सजा हो चुकी है. जिस मामले में मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई है वो 2005 में हुए तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से जुड़ा है. इस घटना को गाजीपुर के मोम्मदाबाद थाना क्षेत्र के बसनिया चट्टी पर अंजाम दिया गया था.

यह पूरा मामला गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज किया गया. मुख्तार अंसारी से पहले पूर्व सांसद अतीक अहमद पर भी गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा चुकी है. जानिए, क्या है गैंगस्टर एक्ट और यह कब-कैसे लगाया जाता है.

क्या है गैंगस्टर एक्ट?

वर्ष 1986 में गैंगस्टर एक्ट को उत्तर प्रदेश में लागू किया गया था. यह दो शब्द से मिलकर बना है. गैंग यानी समूह और स्टर का मतलब भीड़ से निकाला गया है. इस कानून का लक्ष्य गिरोह बनाकर अपराध करने वाले अपराधियों पर शिकंजा कसना और सख्त कार्रवाई करना है.

गैंगस्टर एक्ट कहता है, अगर एक या एक से अधिक लोगों का ग्रुप अपराध के जरिए फायदा उठाता है या वो ऐसी एक्टिविटी करते हैं जो जो कानून के दायरे में आती है तो उसे गैंगस्टर माना जाएगा. माना जाता है कि अपराधियों के मुकाबले गैंग बहुत ज्यादा गंभीर अपराध करते हैं और इनकी संख्या कंट्रोल करने के लिए यह एक्ट लगाया जाता है.

किस कारण से घोषित किया जाता है गैंगस्टर

वे लोग जिनका काम ही डकैती, लूट, हत्यार और रंगदारी है वो इस कानून के कैटेगरी में आते हैं. यही वजह है कि एक गैंगस्टर पर कई मुकदमे हेाते हैं. ये समूह में काम करते हैं और घटना को अंजाम देने के लिए साथी बदलते हैं. कई घटनाओं को अंजाम देने के बाद थाना प्रभारी गैंग चार्ट तैयार करता है उसमें उस अपराधी का नाम शामिल किया जाता है. इस तरह एक अपराधी को गैंगस्टर घोषित किया जाता है.

क्या है सजा का प्रावधान

वर्ष 1986 में इसका गठन होने के बाद में इसे और सख्त बनाने के लिए 2015 की तत्कालीन सरकार ने गैंगस्टर एक्ट में संशोधन किया था. नए बदलाव के तहत गैंगस्टर एक्ट के तहत होने वाली कार्रवाई में दोषी को कम से कम 2 और अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान रखा गया. इतना ही नहीं, संशोधन से पहले तक इसमें 15 अलग-अलग तरह के अपराधों को शामिल किया गया था.इसमें अंगों की तस्करी, यौन शोषण, भिक्षवृत्ति, मानव तस्करी, बंधुआ मजदूरी, बालश्रम कराने और जालीनोट छापने जैसे कई अपराधों को शामिल किया गया था.

और मजबूत हुआ गैंगस्टर एक्ट

2021 में गैंगस्टर एक्ट में कई नए नियम शामिल किए. नए बदलाव के मुताबिक, ऐसे मामलों में अपराधी की सम्पत्ति को जब्त करने का वैकल्पिक प्रावधान जोड़ा गया. इसके अलावा डीएम के अधिकारों को बढ़ाया गया. एक ही अपराध करने पर भी यह एक्ट लगाया जा सकता है, यह भी प्रावधान जोड़ा गया. पहले यह एक्ट लगाने पर आरोपी पर दो सा दो से अधिक मुकदमे दर्ज होना अनिवार्य था, लेकिन 2021 में नए संशोधन के मुताबिक गैंगरेप, हत्या, लूट, डकैती और हत्या करके लूट करने के मामले में भी यह एक्ट लगाया जा सकता है.

 

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