माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में 10 साल की सजा, 5 लाख का जुर्माना

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वाराणसी: कुख्यात माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में मुख्तार अंसारी को दस साल की सजा सुनाई है. इसी के साथ अदालत ने उसे पांच लाख रुपये का जुर्माना भी किया है. यह मामला साल 2005 में हुए बीजेपी के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से संबंधित है. यह वारदात मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के बसनिया चट्टी पर अंजाम दिया गया था. बताया जा रहा है कि मुख्तार अंसारी के गैंग ने पहली बार इस वारदात में AK-47 का इस्तेमाल किया था.

इस वारदात में कृष्णानंद राय को घेरकर चारों ओर से गोलीबारी की गई थी. इसमें विधायक का पूरा शरीर छलनी हो गया था. इस मामले में विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. यह सभी लोग किसी कार्यक्रम में शामिल होकर अपने घर लौट रहे थे. इस मामले में मोहम्मदाबाद थाने की पुलिस ने माफिया डॉन मुख्तार अंसारी, उसके भाई व बसपा सांसद अफजाल अंसारी समेत अन्य के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया था.

क्या था पूरा मामला जिस पर आना है फैसला

22 नवंबर 2005 को मुहम्मदाबाद पुलिस ने भांवरकोल में कृष्णा नंद राय हत्या कांड और वाराणसी में नंद किशोर रूंगटा के मामले को गैंग चार्ट में शामिल करते हुए सांसद अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी के खिलाफ गिरोह बंद अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया था. इसके बाद से गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी जमानत पर हैं.

विधायकी हारने पर कराई गई थी राय की हत्या

गाजीपुर में 29 नवंबर 2005 को मोहम्मदाबाद से तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय सहित कुल 7 लोगों को गोलियों से छलनी कर दिया गया था. चुनावी रंजिश के कारण इस हत्या को अंजाम दिया गया था. इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी और अफजाल को आरोपी बनाया गया था. दरअसल अंसरी ब्रदर्स के प्रभाव वाली मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर 2002 में अफजाल अंसारी को हराकर कृष्णानंद राय ने जीत हासिल की थी. इसके चलते उनकी हत्या हुई थी.

 

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