क्या है क्लाउड सीडिंग, दुबई में आई बाढ़ से क्यों जोड़ा जा रहा कनेक्शन? जानें, इसकी वजह
पूरी दुनिया ग्लोबल वॉर्मिंग के सितम से परेशान है, कहीं ठंडी हांड़कंपा रही है तो कहीं गर्मी जीना दुश्वार कर रही है, बारिश से भी कई देशों में हाहाकार मचा हुआ है. बेमौसम बदलती इन परिस्थितियों का कारण क्लाइमेट चेंज से जोड़कर देखा जा रहा है. कहते हैं कि जब भी प्रकृति के नियमों से और उसकी बनाई व्यवस्था से छेड़छाड़ होती है तो उसका परिणाम बहुत भयानक होता है. कुछ ऐसा ही आजकल संयुक्त अरब अमीरात में हो रहा है. पिछले दिनों दुबई में बारिश ने ऐसा कहर मचाया है जिसकी कभी उम्मीद नहीं की गई थी. एक दिन में इतनी बारिश हुई है जितनी सालभर में होती है.
दुबई में बारिश से हाहाकार
दुबई, जहां पर बारिश देखने के लिए लोग तरस जाते थे, वहां के हालात बारिश की वजह से बदतर हो गए हैं. दुबई जैसे हाईटेक और शान-ओ-शौकत वाले शहर में हर तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो की बाढ़ आ गई है, जिसमें देखा जा सकता है कि दुबई की सड़कों से लेकर बिल्डिंग्स और इलाके के इलाके पानी में डूब गए हैं.
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दुबई में बदले इस मौसम की वजह को कुछ लोग क्लाउड सीडिंग से कराई गई बारिश से भी जोड़कर देख रहे हैं. कहा जा रहा है कि संयुक्त अरब अमीरात ने क्लाउड सीडिंग के जरिए बारिश करवाई थी, जिसकी वजह से अब ऐसा हो रहा है. हालांकि संयुक्त अरब अमीरात ने क्लाउड सीडिंग के जरिए बारिश करवाने की बात को खारिज कर दिया है.
क्या होती है क्लाउड सीडिंग?
क्लाउड सीडिंग एक आर्टिफिशियल बारिश कराने का एक तरीका है. इसमें सिल्वर आयोडाइड या ड्राई आइस को हवाई जहाज की मदद से बादलों पर छोड़ा जाता है. इसमें छोटे कणों को बादलों के बहाव के साथ छिड़क दिया जाता है. ये कण हवा से नमी को सोखते हैं और इसके बाद वो कंडेंस होकर इसके द्रव्यमान को बढ़ा देते हैं. इसके बाद बादलों से बारिश की मोटी बूंदे बनती हैं और बरसने लगती हैं.
कब हुई थी क्लाउड सीडिंग की शुरुआत?
क्लाउड सीडिंग की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के बाथुर्स्ट स्थित जनरल इलेक्ट्रिक लैब में फरवरी 1947 में हुआ था. यहीं इसका प्रदर्शन किया गया. इसके बाद कई देशों ने इसका इस्तेमाल किया.