आइसलैंड में भूकंपों के बाद ज्वालामुखी में विस्फोट, फैली दहशत

घरों को खाली कर लोग सुरक्षित स्थानों पर भागे

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नई दिल्ली: यूरोप के देश आइसलैंड में लगातार आ रहे भूकंप के बीच बड़ी खबर आ रही हैं कि वहां 800 से ज्यादा बार आए भूकंपों के बाद आखिरकार ज्वाीलामुखी विस्फोट हो गया है. राष्ट्रीय मौसम विज्ञान के अनुसार दक्षिण-पश्चिम आइसलैंड के रेक्जेन्स प्रायद्वीप पर हफ्तों की तीव्र भूकंप गतिविधि के बाद एक ज्वालामुखी फट गया है. समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने आइसलैंडिक मौसम विज्ञान कार्यालय के हवाले से कहा, ‘विस्फोट ग्रिंडाविक से लगभग 4 किमी उत्तर पूर्व में सुंधनुकागिगर के करीब स्थित है, और इसे पास के वेब कैमरों पर देखा जा सकता है.

कार्यालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि ज्वालामुखी में दरार की लंबाई लगभग 3.5 किमी है. इसमें लावा लगभग 100 से 200 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड की दर से बह रहा है. इसमें कहा गया है कि यह हाल के वर्षों में रेक्जेन्स प्रायद्वीप पर पिछले विस्फोटों की तुलना में कई गुना अधिक था. विस्फोट के सटीक स्थान और आकार की पुष्टि करने के लिए एक तटरक्षक हेलीकॉप्टर को क्षेत्र में भेजा गया है.

 

आसमान में छाया धुएं का गुबार

आइसलैंड के रेक्जेन्स प्रायद्वीप के ग्रिंडाविक शहर में लोकल समयानुसार सोमवार रात करीब 10 बजे से ज्वालामुखी फटना शुरू हुआ. इससे करीब एक घंटे पहले ही इस इलाके में एक भूकंप भी आया. ज्वालामुखी के फटने से लावा तो निकला ही, साथ ही रात के ही समय आसमान में धुएं का गुबार भी छा गया.

वैज्ञानिकों ने जताया था अंदेशा

आइसलैंड में वैज्ञानिक करीब महीनेभर से ज़्यादा समय से इस इलाके में ज्वालामुखी के फटने का अंदेशा जताया था. इस इलाके में पहले भी कुछ भूकंप आए हैं और परिस्थिति को देखते हुए वैज्ञानिकों को पूरा भरोसा था कि जल्द ही ज्वालामुखी फट सकता है और ऐसा ही हुआ.

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लोगों से घर कराएं गए खाली

आइसलैंड के रेक्जेन्स प्रायद्वीप के ग्रिंडाविक शहर में ज्वालामुखी के फटने से उस इलाके के साथ ही आसपास के इलाकों में भी खतरे का अलर्ट जारी कर दिया गया है. हालांकि इस घटना से किसी की मौत नहीं हुई और न ही इससे ऐसा कुछ होने की संभावना बताई जा रही है, पर मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे खतरनाक बताया जा रहा है ग्रिंडाविक शहर के लोगों को देर रात अपने घरों को खाली करके सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई. साथ ही लोगों को ज्वालामुखी के पास न जाने की भी सलाह दी गई. ऐसे में कई लोगों ने अपने घरों को खाली कर दिया.

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