बुलंद हुई आवाज, काशीवासियों को बाबा के दर्शन के लिए चाहिए अलग द्वार
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में निर्धारित एक द्वार से काशीवासियों के सुगम प्रवेश के लिए इंडी गठबंधन ने निकाली यात्रा
वाराणसी: श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में दर्शन के लिए काशीवासियों के लिए अलग द्वार की मांग तेज हो गई है. इसको लेकर वाराणसी में कांग्रेस, सपा समेत इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों ने सोमवार को पदयात्रा निकालकर इस मांग के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की. उन्होंने बाबा के सुगम दर्शन व्यवस्था करने की मांग की. कहा कि जब मध्यप्रदेश के उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन को स्थानीय लोगों के लिए सुगम व्यवस्था की गई है तो काशी में श्रीकाशी विश्वनाथ दरबार के लिए क्यों नहीं हो सकती है.
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पदयात्रा में शामिल नेताओं ने कहाकि काशी एक पौराणिक, विश्व की सबसे प्राचीन व आध्यात्मिक नगरी है. दुनियाभर से लाखों की संख्या में दर्शनार्थी श्रीकाशी विश्वनाथ का दर्शन-पूजन करने के निमित्त हर वर्ष काशी आते हैं. लाखों की संख्या में बाहर से आने वाले इन दर्शनार्थियों की वजह से काशी के स्थानीय लोगों को अपने आराध्य बाबा भोलेनाथ का दर्शन पूजन करने में ढेरों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. काशी की जनता की इन परेशानियों को दूर करने के लिए पिछले साल 2023 में वाराणसी महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला प्रशासन से मिलकर मांग की थी कि काशीवासियों को श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन पूजन निमित्त किसी एक द्वार को चिह्नित कर दिया जाय, ताकि काशीवासियों को दिन प्रतिदिन की समस्याओं से मुक्ति मिले. वे बाबा का सुगम दर्शन पूजन कर सकें. उन्होंने इसके लिए उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में स्थानीय लोगों को दी गई व्यस्था का हवाला भी दिया. जिला प्रशासन ने कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया. वाराणसी मंडलायुक्त के नेतृत्व में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल उज्जैन जाकर वहां की पूरी व्यवस्था का अध्ययन भी किया. काशी में भी स्थानीय लोगों के लिए एक निर्धारित गेट से दर्शन पूजन की व्यवस्था को लागू करने की बात भी कही. लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से उन्होंने काशी की जनता के हित से जुड़े् इस महत्वपूर्ण मुद्दे को यह सोचकर नजरअंदाज कर दिया कि कहीं इसका श्रेय कांग्रेस न ले ले. वाराणसी महानगर कांग्रेस की तरफ से जनहित से जुड़े इस मुद्दे को लेकर कई बार स्थानीय प्रशासन का ध्याना आकृष्ट कराया गया. यहां तक कि अभी हाल ही में जिला प्रशासन ने छह सौ रुपये में विदेशी दर्शनार्थियों को बाबा का दर्शन पूजन करने की भी एक नई योजना बनाई गई, लेकिन काशीवासियों के लिए जिला प्रशासन बिल्कुल खामोशी साधे हुए है.
सिर्फ आधार कार्ड दिखाकर मिले स्थानीय लोगों को प्रवेश
इंडी गठबंधन के नेताओं का कहना है कि स्थानीय निवासियों को सिर्फ आधार कार्ड दिखाकर प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए. इसी क्रम में गठबंधन की तरफ से स्थानीय जिला ईकाई के सदस्यों ने मैदागिन स्थित राजीव चौक स्थित पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी की प्रतिमा स्थल से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर तक पदयात्रा निकाली. यात्रा को स्थानीय शहरवासियों ने भरपूर साथ दिया. स्थानीय लोगों का भी मानना है कि जब उज्जैन में स्थानीय लोगों के लिए सुगम व्यवस्था लागू है तो यहां क्यों नहीं? काशी के लोगों को भी यह लाभ मिलना चाहिए.
पूर्व प्रधानमंत्री की प्रतिमा को भाजपा के बैनर व झंडे से ढंक दिया
यात्रा के प्रारंभ में गठबंधन के नेताओं ने मैदागिन स्थित पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हे अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान देखा गया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की प्रतिमा को भाजपा के बैनर पोस्टर से ढंक दिया गया है. बार बार कहने पर भी भाजपा के कार्यकर्ताओं ने बैनर पोस्टर नहीं हटाया. अंत में कांग्रेसजनों ने प्रतिमा स्थल की सफाई की. बैनर-पोस्टहर हटाए गए. यात्रा में महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राघवेन्द्र चौबे, विष्णु शर्मा, दुर्गाप्रसाद गुप्ता, गुलशन अंसारी, रमजान अली, मयंक चौबे, सतनाम सिंह, राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, प्रमोद वर्मा, पीयूष श्रीवास्तव, रोहित दुबे, संदीप मिश्रा, राहुल गुप्ता, अब्दुल हमीद डोडे, विजय देवल, मनोज सिंह, अमिताभ दीक्षित, रवि जायसवाल, कुँवर बबलू बिंद, विवेक यादव, सौरभ चौरसिया, अनिल पटेल, किशन यादव, गुरु प्रसाद यादव, आजम खान, राजू गुप्ता, रामजी गुप्ता, कृष्णा गौड़, जमील अंसारी आदि रहे.