मंत्री के क्षेत्र का गांवः शुद्ध पानी के लिए अपनी जमीन देने वाले चलते हैं गंदे पानी में…
वाराणसीः जिले की बड़ी आबादी को इस्तेमाल पानी को पुनः शुद्ध कर पीने योग्य बनाकर वापस आमजन को उपलब्ध कराने के लिए अपनी जमीन देने वाले ग्रामीण लाचार हैं. उनकी अबतक की सारी शिकायतों व सुझावों को दर किनार कर दिया है. सीवरेज व्यवस्था न होने के चलते वह सड़कों तथा गलियों में बहने वाले गंदे पानी से होकर आने-जाने को मजबूर हैं. जी हां, हम बाते कर रहे हैं गोइठहा में स्थापित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की जिसको बनाने के लिए यहां के ग्रामीणों ने अपनी भूमि सरकार को दी है.
इन ग्रामीणों के घर के पानी निकासी के लिए सीवरेज की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इसको लेकर कहा जा सकता है कि यहां चिराग तले ही अंधेरा है. हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर के विधानसभा क्षेत्रगेट के कन्हईपुर गांव की जहां गांव में जाने वाले मुख्य मार्ग पर लोगों के घरों का गन्दा पानी मुख्य रास्तों व गलियों में भरा पड़ा है और जिसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है.
सालों से हैं मजबूर, नहीं कोई लेने वाला सुधिः ग्रामीण
कन्हईपुर गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने जर्नलिस्ट कैफे को बताया कि सालों से गांव में आने जाने वाले लोग सीवर के इसी गंदे पानी से गुजरने को मजबूर हैं. ढाई से तीन हजार की आबादी वाले इस गांव के लोगों ने बताया कि शहरी लोगों के गंदे पानी को साफ करने के लिए शासन प्रशासन ने हमारी जमीन अधिग्रहित कर ली. इसके बावजूद हमारे गांव में सीवर लाइन भी नहीं डाला गया है. लोगों के घरों में इस्तेमाल होने वाले पानी की निकासी के लिए कोई व्यवस्था न होने के कारण पूरा पानी गांव के गलियों से लेकर मुख्य मार्ग तक फैला हुआ है. इसकी शिकायत कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लगायत जिला प्रशासन से भी की गई पर स्थिति जस की तस बनी हुई है.
Also Read: वाराणसीः किशोर के हाथ में गोली मारकर फैलाई दहशत, पुलिस कर रही तलाश
सीवर के पानी में प्रदर्शन कर महिलाओं ने व्यक्त किया आक्रोश
वहीं महिलाओं ने सीवर के पानी में खड़े होकर शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर अपना आक्रोश व्यक्त किया. नारेबाजी करते हुए महिलाएं शासन-प्रशासन शर्म करो, गांव की समस्या दूर करो .इस दौरान मुख्य रूप से अमरावती देवी, हीरामणि, शीला चौबे, बिंदु देवी, मीरा देवी, उर्मिला देवी, मिंता देवी, शिवनारायण, फूल कुमारी, शीला पटेल सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित रहें.