विकास दुबे एनकांउटर पर बोलीं प्रियंका-अपराधी का अंत हो गया, उसको संरक्षण देने वालों का क्या?
कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार को कानपुर में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है। इसे लेकर कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने सवाल उठाएं हैं। उन्होंने कहा कि अपराधी का तो अंत हो गया संरक्षण देने वालों का क्या होगा?
प्रियंका गांधी ने ट्वीटर के माध्यम से कुख्यात अपराधी विकास दुबे की एनकांउटर की दौरान मौत को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि “अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको संरक्षण देने वाले लोगों का क्या होगा।”
अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 10, 2020
प्रियंका के निशाने पर योगी सरकार-
इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि “कानपुर के जघन्य हत्याकांड में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई। अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है, बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है।”
कानपुर के जघन्य हत्याकांड में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई।
अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है…1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 9, 2020
ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश में उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाहर पकड़ा गया दुर्दात विकास दुबे शुक्रवार को कानपुर में उत्तर प्रदेश एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में ढेर हो गया। कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपित विकास दुबे की कानपुर में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ हो गई।
भागने की कोशिश में मारा विकास-
कानपुर के एसएसपी दिनेश पी. ने विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने की पुष्टि की है। एसएसपी दिनेश कुमार पी. के मुताबिक गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पुलिस वालों के हथियार लेकर भाग रहा था। पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने फायरिंग की और जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे मुठभेड़ में मारा गया।
वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा है कि अब विकास और राजनेताओं व पुलिस अफसरों का संपर्क उजागर नहीं हो पाएगा। विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि जिसका शक था वह हो गया।
दिग्विजय का बड़ा सवाल-
विकास दुबे का किन-किन राजनीतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पाएगा। पिछले तीन-चार दिनों में विकास दुबे के दो अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है?
जिसका शक था वह हो गया। विकास दुबे का किन किन राजनैतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से उसका संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पाएगा। पिछले 3-4 दिनों में विकास दुबे के 2 अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 10, 2020
दिग्विजय सिंह ने जांच की मांग करते हुए कहा कि यह पता लगाना आवश्यक है विकास दुबे ने मध्य प्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर को सरेंडर के लिए क्यों चुना? मध्यप्रदेश के कौन से प्रभावशाली व्यक्ति के भरोसे वो यहां उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने आया था?
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